Video: सूरज जैसे तारे का देखते-देखते निगल गया यह ब्लैकहोल
यह ब्लैकहोल (Blackhole) सूर्य से 60 लाख गुना ज्यादा वजनी है. वैज्ञानिकों ने इस घटना को ज्वारीय विघटन (टाइडल डिसरप्शन) बताया है
नई दिल्ली:
अपने सूरज (Sun) से 60 लाख गुना ज्यादा वजनी ब्लैकहोल (Black Holes) एक सूर्य के आकार के तारे को देखते-देखते निगल लिया. बताया जा रहा है कि यह ब्लैकहोल (Black Holes) सूर्य से 60 लाख गुना ज्यादा वजनी है. वैज्ञानिकों ने इस घटना को ज्वारीय विघटन (टाइडल डिसरप्शन) बताया है. इस खगोलीय घटना को नासा (NASA) के उपग्रह ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) और नील गेहरेल्स स्विफ्ट की मदद से देखा गया है.
इस घटना की जानकारी देते हुए नासा (NASA) ने बताया कि, ब्रह्माण्ड में ऐसी ज्वारीय विघटन होना बहुत ही विरल है. दस हजार से एक लाख वर्षों में बीच हमारी आकाशगंगा (Galaxy) में यह घटना होती है. नासा (NASA) ने कहा अब तक केवल 40 बार ही ऐसी घटना देखी गई हैं.
What happens when a star strays too close to a black hole? Intense tides break it apart into a stream of gas. @NASA_TESS helped produce the most detailed look yet at the beginning of this cataclysmic phenomenon. Visualize how it unfolded: https://t.co/k8V9LFVX9f#Black HolesWeek⚫ pic.twitter.com/h9H9mnfq9t
— NASA (@NASA) September 26, 2019
बता दें ब्लैकहोल (Black Holes) अंतरिक्ष का वो हिस्सा है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता. इसके गुरुत्वाकर्षण से कुछ भी नहीं बच सकता, यहां तक कि प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है. यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है इसीलिए इसको ब्लैकहोल (Black Holes) कहते हैं. इसी साल अप्रैल में वैज्ञानिकों ने ब्लैकहोल (Black Holes) की एक तस्वीर जारी की थी, जिसको देखने के बाद पूरी दुनिया भौचक्का हो गई थी.
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यह तस्वीर पृथ्वी के सबसे निकट के ब्लैकहोल (Black Holes) एम-87 की थी. यही नहीं 24 साल पहले एक और ब्लैकहोल (Black Holes) के बारे में पता चला था. इसका नाम है सैजिटैरस ए स्टार. यह आकाशगंगा (Galaxy) के केंद्र में स्थित है. इसे एक शांत ब्लैकहोल (Black Holes) माना जाता है. अब इस ब्लैकहोल (Black Holes) में हलचल देखने को मिली है.
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ब्लैकहोल (Black Holes) एस्ट्रोफिजिकल जनरल लेटर्स में छपी एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्लैकहोल (Black Holes) सैजिटैरस ए स्टार पहले की तुलना में ज्यादा 'भूखा' हो गया है, जिससे यह आसपास की चीजों को ज्यादा तेजी से अपने अंदर समाहित कर रहा है. एक ब्लैकहोल (Black Holes) खुद से किसी भी तरह का प्रकाश नहीं निकालता है, लेकिन जो चीजें इसमें समाती जाती हैं वो इसके प्रकाश का स्रोत हो सकती हैं. हालांकि इन परिवर्तनों का पृथ्वी या इस आकाशगंगा (Galaxy) के किसी भी ग्रह पर असर नहीं पडे़गा.
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