आठ करोड़ व्यापारियों और 40,000 से अधिक व्यापार संघों का प्रतिनिधित्व करने वाली शक्तिशाली व्यापार संस्था, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि कर्नाटक विधानसभा में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्तावित विधेयक से देश के स्टार्टअप सेक्टर, भारतीय गेमिंग और एनिमेशन उद्योग और लाखों भारतीय गेमर्स और एक्सपोर्ट्स प्लेयर को नुकसान होगा।
कर्नाटक पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2021, 17 सितंबर को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया गया। इस सप्ताह कर्नाटक विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा होने की उम्मीद है। जहां इस बिल में ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, वहीं बिल में एक क्लॉज भी पेश किया गया है जो कौशल के सभी ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाएगा। यह ड्रीम 11, नजरा, एमपीएल, गेम्स 24-7 और पेटीएम फस्र्ट गेम्स जैसे भारतीय स्टार्टअप को प्रभावित करेगा। डेटा प्लेटफॉर्म ट्रेक्सन के मुताबिक, भारत में 623 गेमिंग स्टार्टअप हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री, बसवराज बोम्मई को संबोधित एक पत्र में, कैट के राष्ट्रीय महासचिव, प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, दुर्भाग्य से, कर्नाटक बिल कौशल के खेल(गेम ऑफ स्किल) और मौके के खेल(गेम ऑफ चांस) के बीच अंतर नहीं करता है। गेम ऑफ चांस पूरी तरह से जुआ है और सही ढंग से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। हालांकि, बिल के दायरे में गेम्स ऑफ स्किल को शामिल करके, यह न केवल स्थापित न्यायशास्त्र के खिलाफ है बल्कि संपन्न भारतीय गेमिंग स्टार्टअप क्षेत्र के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा, गेमिंग स्टार्टअप सेक्टर भारत का गौरव है। इनमें से कई घरेलू स्टार्टअप ने विभिन्न देशों में परिचालन शुरू करके दुनिया भर में भारतीय ध्वज फहराया है। इस तरह के बिल इन स्टार्टअप द्वारा दिखाए गए नवाचार और उद्यम को खत्म कर देंगे और भारतीय डेवलपर्स को हतोत्साहित करेंगे। इससे चीनी और अन्य विदेशी कंपनियों को भारत के खर्च पर लाभ दिलाने में मदद मिलेगी।
कैट ने यह भी कहा कि यह बिल ऑनलाइन ग्रे मार्केट में काम करने वाले अवैध ऑफशोर जुआ और सट्टेबाजी ऐप्स को प्रोत्साहित करेगा। इन अवैध कैसिनो ऐप्स के कारण हजारों आम भारतीयों ने अपनी जीवन भर की बचत खो दी है। अगस्त, 2020 में, हैदराबाद पुलिस ने बीजिंग टी पावर कंपनी नामक एक चीनी फर्म से जुड़े एक ऑनलाइन जुआ रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस चीनी कंपनी ने कई ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म बनाए थे और 1100 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन किए थे।
खंडेलवाल ने कहा, एक बार जब बिल ऑनलाइन स्किल गेमिंग पर प्रतिबंध लगा देगा, तो कानून का पालन करने वाली भारतीय कंपनियां बाजार से बाहर हो जाएंगी और उपयोगकर्ता हानिकारक ऑफशोर और सट्टेबाजी वाले ऐप्स की ओर रुख करेंगे।
कैट ने ऑनलाइन कौशल खेलों के लिए एक मजबूत और स्थिर नियामक तंत्र की भी वकालत की और कर्नाटक सरकार से भारतीय कंपनियों और डेवलपर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए बिल पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया।
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Source : IANS