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अंतरिक्ष( Photo Credit : फाइल फोटो)
अंतरिक्ष यात्रियों के मूत्र से प्राप्त यूरिया से ऐसे मॉड्यूल खड़े किए जा सकते हैं जो बड़ी-बड़ी अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रमा पर बनाना चाहती हैं. एक अध्ययन के मुताबिक, इस रसायन का इस्तेमाल संरचनाओं के लिए कंक्रीट बनाने में योज्य पदार्थ के तौर पर किया जा सकता है. स्पेन की कार्टाजेना पॉलीटेक्निक विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं समेत अन्य के मुताबिक, चंद्रमा पर कॉलोनी बसाने में विकिरण का उच्च स्तर, तापमान संबंधी समस्याएं, उल्का पिंडों की बमबारी और चंद्रमा की सतह तक निर्माण सामग्रियां ले जाने संबंधी समस्याएं आती हैं.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 0.45 किलोग्राम सामग्री धरती से अंतरिक्ष तक ले जाने में 10,000 डॉलर का खर्च आता है. साथ ही कहा कि इस तरह से किसी भी उपग्रह पर पूर्ण मॉड्यूल के निर्माण में बहुत ज्यादा खर्च आएगा, इसलिए वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष एजेंसियां ऐसे विचारों पर काम कर रही है जिसमें चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध कच्चे माल या अंतरिक्ष यात्रियों के मूत्र जैसी सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाए.
अध्ययन में मूत्र में मौजूद यूरिया का योज्य पदार्थ (एडिटिव) साबित हो सकने की क्षमता को आंका गया है जिसे कंक्रीट में मिलाकर मिश्रण को नरम बनाया जा सकता है. यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ क्लीनर प्रोडरक्शन’ में प्रकाशित हुआ है.
Source : News Nation Bureau