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Union Minister Prakash Javadekar
पर्यावरण और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने रूस की राजधानी मास्को में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक तकनीकी संपर्क इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है. यूनिट रूस और पड़ोसी देशों में पारस्परिक तालमेल परिणामों के लिए अंतरिक्ष एजेंसियों और उद्योगों के साथ सहयोग करेगी.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए कैबिनेट ने ISRO और बोलिवियाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच MoU को भी मंजूरी दी है. मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए आउटर स्पेस की खोज और उपयोग में सहयोग के लिए मंजूरी दी है. हाल ही में इसरो ने चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया था. श्रीहरिकोटा से आज यानी सोमवार को भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO)ने नया इतिहास रच दिया. चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग के साथ ही भारत का डंका अब अंतरिक्ष में बजने लगा है. 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से सफल लॉन्चिंग के बाद वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर मिशन का स्वागत किया तो पीएम मोदी के चेहरे पर चमक बिखर गई. साथ ही देश की 130 करोड़ जनता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. आइए इस मिशन मून की उन बातों को समझे जिन्हें आपके लिए जानना जरूरी है..
48 दिन बाद चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचेगा
- चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं, जिनके नाम ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान).इस प्रोजेक्ट की लागत 800 करोड़ रुपए है.
- अगर मिशन सफल हुआ तो अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत चांद पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा.
- चंद्रयान-2 इसरो (ISRO)के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से पृथ्वी की कक्षा के बाहर छोड़ा गया है. फिर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाया जाएगा.
- करीब 48 दिन बाद चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचेगा. फिर लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. इसके बाद रोवर उसमें से निकलकर विभिन्न प्रयोग करेगा.
- चांद की सतह, वातावरण और मिट्टी की जांच करेगा. वहीं, ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए लैंडर और रोवर पर नजर रखेगा. साथ ही, रोवर से मिली जानकारी को इसरो (ISRO)सेंटर भेजेगा.
HIGHLIGHTS
- प्रकाश जावड़ेकर ने इसरो पर दिया बयान
- मास्को में खुलेगा एक ऑफिस
- इस प्रोजेक्ट पर किया जाएगा काम