माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने मई में एंड्रॉइड के साथ-साथ आईओएस पर बड़ी इमेज प्रीव्यू के लिए अपनी स्वचालित इमेज क्रॉपिंग को हटा दिया था और अब कंपनी आखिरकार अपने वेब ऐप के लिए वही समाधान लेकर आई है।
नए अपडेट के साथ यूजर्स को अब पूरी तस्वीर देखने के लिए किसी इमेज पर क्लिक नहीं करना होगा। ऐसा प्रतीत होता है कि यह सुविधा अब सभी के लिए उपलब्ध है।
प्रिव्यु बॉक्स में इमेजिस को फिट करने के लिए ट्विटर जिस एल्गोरिथम इमेज का उपयोग कर रहा था, वह समस्याग्रस्त था।
एक ब्लॉग पोस्ट में, ट्विटर की मशीन लनिर्ंग एथिक्स, ट्रांसपेरेंसी और एकाउंटेबिलिटी टीम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग निदेशक, रुम्मन चौधरी ने लिखा कि कंपनी ने निष्कर्ष निकाला कि एल्गोरिथम लिंग और जाति आधारित पूर्वाग्रहों के परीक्षण के बाद पक्षपाती था।
इस साल मार्च में, ट्विटर ने आईओएस और एंड्रॉइड पर मानक पहलू अनुपात फोटो को पूर्ण रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक नए तरीके का परीक्षण करना शुरू किया जिसका अर्थ बिना सॉल्यूशन एल्गोरिथम के क्रॉप करना है।
चौधरी ने कहा, इसका लक्ष्य लोगों को उनकी इमेजिस के दिखने के तरीके पर अधिक नियंत्रण देना था, साथ ही उनकी टाइमलाइन में इमेजिस को देखने वाले लोगों के अनुभव में सुधार करना था। इस अनुभव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, हमने इस सुविधा को सभी के लिए लॉन्च किया।
अक्टूबर 2020 में, कंपनी को लोगों से फीडबैक मिला कि उसकी इमेज क्रॉपिंग एल्गोरिथम सभी लोगों की समान रूप से सेवा नहीं करती है।
ट्विटर ने कई महीनों के परीक्षण के बाद पाया कि पुरुषों और महिलाओं की तुलना में महिलाओं के पक्ष में जनसांख्यिकीय समानता से 8 प्रतिशत का अंतर था।
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Source : IANS