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Twitter पर Blue Tick पाने के लिए लगेंगे 650 रुपये! भारत में अभी स्थिति साफ नहीं

एक रिपोर्ट के अनुसार, Twitter पर ब्लू टिक (Blue Tick) को लेकर 1600 रुपये चार्ज करेगी. मगर अब नई जानकारी खुद मस्क ने यूजर्स को दी है.

Updated on: 01 Nov 2022, 06:02 PM

नई दिल्ली:

ट्विटर (Twitter) के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) अब नए बिजनेस मॉडल की तलाश कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, Twitter पर ब्लू टिक (Blue Tick) को लेकर 1600 रुपये चार्ज किया जाएगा. मगर अब नई जानकारी खुद मस्क ने यूजर्स को दी है. एलन मस्क के अनुसार, Twitter पर ब्लू टिक को लेकर 1,600 रुपये नहीं बल्कि यह करीब 650 रुपये होंगे. एक ट्वीट के रिप्लाई में उन्होंने ये जानकारी दी. लेखक Stephen King ने अपने ट्वीट में सवाल किया था कि क्या ब्लू टिक के लिए एक माह में 20 डॉलर देने होंगे? बल्कि इसके लिए उन लोगों को मुझे पे करना चाहिए. इस ट्वीट पर एलन मस्क ने लिखा कि हमें किसी तरह बिलों का भुगतान करना होगा! विज्ञापनदाताओं पर ट्विटर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकता है. 8 डॉलर को लेकर क्या ख्याल है? यानी ब्लू टिक को लेकर कंपनी अब चार्ज करने की तैयारी में लग गई है. मगर यह कीमत थोड़ी कम हो सकती हैं.

 

इसे लेकर अभी और जानकारी भी सामने आ सकती है. कुछ रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि कंपनी ब्लू टिक जारी रखने को लेकर चार्ज करेगी.  ब्लू टिक होल्डर को ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन भी लेना होगा. इसे लेकर 90 दिनों का समय दिया जाएगा. अगर तय समय पर सब्स​क्रिप्शन नहीं लिया गया तो उनके अकाउंट से ब्लू टिक हटाया जाएगा. अभी ब्लू सब्सक्रिप्शन की जो संभावित कीमत सामने आई है, वह 1600 रुपये बताई गई है. हालांकि मस्क इन कीमतों को कम बता रहे हैं, वे यूजर से आठ डॉलर यानि 650 रुपये चार्ज कर सकते हैं. अभी कुछ और खुलासे भी सामने आ सकते हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में इसका सब्सक्रिप्शन चार्ज अमेरिका से कम हो सकता है. इसके लिए अभी कुछ और इंतजार करना होगा.

भारत में स्थिति साफ नहीं 

ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने अभी सब्सक्रिप्शन के टाइम पीरियड का भी खुलासा नहीं किया है. यह सब्सक्रिप्शन कितने दिनों का होगा, इसके बारे में कुछ दिनों के अंदर पता चलेगा. भारत को लेकर अभी तक एलन मस्क ने कोई बयान नहीं दिया है. सूत्रों के अनुसार, भारत में इसकी कीमत कम को सकती है. मस्क ने अब तक आठ डॉलर चार्ज करने की बात कही है. विशेषज्ञों का मानना है कि देश इसकी कीमत और भी कम हो सकती है.