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अब अंतरिक्ष में भारत से टक्कर लेने की सोच रहा कंगाल पाकिस्तान, पढ़ें पूरी खबर

पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट करके दी जानकारी.

Updated on: 26 Aug 2019, 10:01 AM

highlights

  • पाकिस्तान अब भारत से बराबरी करने के लिए अंतरिक्ष में भेजेगा अपने वैज्ञानिकों को. 
  • 2022 तक पाकिस्तान का स्पेस में जाने का प्लान. 
  • इस काम में भी चाइना करेगा पाकिस्तान का सहयोग.

नई दिल्ली:

Pakistan to Compete India in Space: धरती पर भारत से मुंह की खाकर बौखलाया पाकिस्तान (The Islamic Republic of Pakistan) अब भारत से अंतरिक्ष में टक्कर लेने की सोच रहा है. इस काम मे उसका सहयोग करने के लिए चाइना सामने आया है. दरअसल, पाकिस्तानी स्पेस एजेंसी The Space and Upper Atmosphere Research Commission (SUPARCO) अभी तक भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के मुकाबले कुछ खास नहीं कर सकी है. जहां एक तरफ भारत का इसरो चंद्रयान 2 के सफर पर है वहीं पड़ोसी देश का अंतरिक्ष कार्यक्रम अंधेरे में ही रहा है.

इसरो की सफलता से जले-भुने पाकिस्तान ने गुरूवार को 22 अगस्त को घोषणा की कि वह अपने करीबी सहयोगी चीन की उपग्रह प्रक्षेपण सुविधा का इस्तेमाल कर 2022 में अंतरिक्ष में अपना पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि अंतरिक्ष मिशन के लिये अंतरिक्ष यात्री के चयन की प्रक्रिया फरवरी 2020 से शुरू की जाएगी।

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चौधरी ने एक ट्वीट में कहा,“यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहा हूं कि अंतरिक्ष में पहले पाकिस्तानी को भेजे जाने की चयन प्रक्रिया फरवरी 2020 में शुरू की जाएगी. इसके लिए 50 लोगों की एक सूची तैयार की जाएगी. इसके बाद सूची के नामों को घटाकर 25 किया जाएगा और 2022 में हम अपने पहले व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजेंगे. यह हमारे देश का सबसे बड़ा अंतरिक्ष कार्यक्रम होगा.” चौधरी ने कहा कि पाकिस्तानी वायुसेना अंतरिक्ष मिशन के लिये अंतरिक्ष यात्री की चयन प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाएगी. उन्होंने कहा कि प्राथमिक तौर पर 50 पायलटों का चयन किया जाएगा और इसके बाद इस संख्या को 25 और फिर 10 पर लाया जाएगा. इन 10 पायलटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और इनमें से एक को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.

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हालांकि कंगाल पाकिस्तान के पास शायद ही इतना पैसा हो कि वो अपने देश को लोगों को अंतरिक्ष में पहुंचा सके. लेकिन पाकिस्तान ये गौरव चीन के कंधे पर चढ़कर जरूर हासिल कर सकता है. बता दें कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35-ए के हटाए जाने के बाद भी चाइना ही एक अकेला देश था जिसने पाकिस्तान का साथ दिया था. जबकि पूरे विश्व ने यह माना था कि जम्मू कश्मीर का मुद्दा भारत का आंतरिक मुद्दा है.