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सूरज की चमक पड़ी फीकी, पांच गुना तक घटी रोशनी, वैज्ञानिक हैरान

जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पिछले 9000 सालों से सूरज लगातार कमजोर हो रहा है. इसकी चमक में पांच गुना तक की कमी आई है.

Updated on: 05 May 2020, 03:06 PM

नई दिल्ली:

धरती का सबसे बड़ा ऊर्जा स्त्रोत अपनी तपिश खो रहा है. उसकी रोशनी में लगातार कमी आ रही है. कमी भी कोई मामूली नहीं, पिछले कुछ समय में सूरज काफी कमजोर हो गया है. वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसके पीछे क्या वजह है. जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पिछले 9000 सालों से सूरज लगातार कमजोर हो रहा है. इसकी चमक में पांच गुना तक की कमी आई है. वैज्ञानिकों ने बताया है कि हमारे आकाशगंगा में मौजूद सूरज जैसे अन्य तारों की तुलना में अपने सूरज की धमक और चमक फीकी पड़ रही है.  

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सूरज पिछले कुछ हजार साल से शांत है. ये गणना हम सूर्य की सतह पर बनने वाले सोलर स्पॉट से कर लेते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सोलर स्पॉट की संख्या में भी कमी आई है. वैज्ञानिकों का दावा है कि 1610 से लगातार सूर्य का अध्ययन किया जा रहा है. अध्ययन में सामने आया है कि सूर्य पर बनने वाले स्पॉट काफी कम हुए हैं. इतना ही नहीं पिछले 264 दिनों से तो सूरज पर एक भी स्पॉट बनते नहीं देखा गया है. सोलर स्पॉट तब बनते हैं जब सूरज के केंद्र से गर्मी की तेज लहर ऊपर उठती है. इससे बड़ा विस्फोट होता है. अंतरिक्ष में सौर तूफान उठता है.  

सूरज ले रहा है हल्क नींद
वैज्ञानिकों की मानें तो अगर सूरज की उम्र से 9000 सालों की तुलना करें तो यह काफी छोटा समय है. अगर इसे दूसरे नजरिए से समझा जाए तो सूरज हल्की नींद ले रहा है. क्योंकि सूरज को करीब 4.6 बिलियन साल पुराना माना जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी तारे का अपनी धुरी पर घूमना उसके चुंबकीय क्षेत्र की मजबूती को बताता है. चुंबकीय क्षेत्र मजबूत होता है तो तारे के केंद्र और सतह की क्रियाएं सही होती हैं. इसी से पता चलता है कि सूरज कितना रेडिएशन कर रहा है. कितना चमक रहा है. वहां आग के विस्फोट हो रहे हैं या नहीं. डॉ. सोलंकी ने बताया कि अगर सूरज की रोशनी में कमी आई है. वहां आग के विस्फोट नहीं हो रहे हैं. सोलर स्पॉट नहीं बन रहे हैं. इसका मतलब ये है कि जरूर सूरज बाकी तारों की तुलना में कमजोर हुआ है. उसकी चमक धीमी पड़ी है.