Advertisment

आजादी के 75 साल का जश्न मनाने के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा भारतीय टेक स्टार्टअप

आजादी के 75 साल का जश्न मनाने के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा भारतीय टेक स्टार्टअप

author-image
IANS
New Update
The Kerala

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

देश में जहां कई प्रमुख उद्योगों को महामारी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, वहीं स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक मजबूत स्मार्टफोन-आधारित ऐप अर्थव्यवस्था और एक सतत विकसित डिजिटल परि²श्य के कारण भारतीय तकनीकी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से वृद्धि हुई है।

महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 में जहां 11 नए यूनिकॉर्न (अनअकेडमी, पाइन लैब्स, फ्र्स्टक्राय, जिनोटी, नायका, पोस्टमैन, जेरोधा, राजोगपे, कार्स24, डेलीहंट, ग्लांस) का उदय हुआ, वहीं वर्ष 2021 में पहले से ही 21 स्टार्टअप ऐसे देखे गए हैं, जो अब एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के हो चुके हैं।

21 स्टार्टअप अब तक 20 अरब डॉलर से अधिक जुटा चुके हैं। इस महीने, भारतपे, माइंडटिकल, अपग्रैड और कॉइनडीसीएक्स ने यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश किया है और इन कंपनियों ने देश में कभी न देखी गई अभूतपूर्व सफलता की पटकथा लिखी है।

सफलता की कहानी को आगे बढ़ाते हुए, भारत एक तकनीकी आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश) उछाल के दौर से गुजर रहा है और यह ऐसे समय पर हो रहा है, जब देश आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।

जोमैटो और पेटीएम से लेकर ऑनलाइन इंश्योरेंस मार्केटप्लेस पॉलिसीबाजार, लॉजिस्टिक्स सर्विसेज कंपनी डेल्हीवरी से लेकर फैशन प्लेटफॉर्म नायका और कार ट्रेड टेक तक, देश में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न क्लब के आईपीओ की बारिश हो रही है।

नैसकॉम-जिनोव की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 1,600 से अधिक टेक स्टार्ट-अप को जोड़ने के बाद, भारत इस साल 50 से अधिक मजबूत यूनिकॉर्न क्लब बनाने की राह पर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 ने देश में डिजिटल अपनाने और ऑनलाइन में बदलाव को गति दी है। इसने तकनीकी स्टार्ट-अप के लिए नए अवसर पैदा किए हैं, जो इस अवसर को रैपिड डिजिटल एक्सिलरेशन (तेजी से डिजिटल त्वरण) और सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास)-आधारित सॉल्यूशंस में बदलाव के साथ भुना रहे हैं।

गुड़ग्राम स्थित साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) में उद्योग खुफिया समूह (आईआईजी) के प्रमुख प्रभु राम के अनुसार, भारतीय स्टार्ट-अप का स्वर्ण युग यहां है - उपभोक्ता ऐप से लेकर स्पेसटेक तक, एडटेक से लेकर मोबिलिटी तक - न केवल शुरुआत पारंपरिक स्टार्ट-अप हॉटस्पॉट में, लेकिन एस्पिरेशनल इंडिया के छोटे शहरों में भी यह देखा जा रहा है।

राम ने आईएएनएस से कहा, सभी बाधाओं के बावजूद महिला उद्यमियों ने जो सफलता हासिल की है, वह उल्लेखनीय है और रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में उनका योगदान है।

एक और गौरव इस तथ्य में निहित है कि भारतीय टेक स्टार्टअप ने चीनी निवेश को छोड़ना शुरू कर दिया है, क्योंकि देसी कॉर्पोरेट्स और अमीर व्यक्ति, अन्य देशों के निवेशकों के साथ, घरेलू फर्मों को फंड करने के लिए आगे आए हैं।

अमेरिका-आधारित निवेश फर्म टाइगर ग्लोबल वर्तमान में शीर्ष डॉलर का निवेश करने में अग्रणी है, जो कि एक अन्य यूएस-आधारित उद्यम पूंजी फर्म सिकोइया कैपिटल को भारतीय स्टार्टअप/यूनिकॉर्न पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष निवेशक के रूप में पछाड़ रहा है।

जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल, जिन्होंने एक बंपर आईपीओ देखा है, जिसने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म का बाजार मूल्य लगभग 13 अरब डॉलर तक अर्जित किया है, ने कहा, हमारे आईपीओ को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया से हमें यह विश्वास मिलता है कि दुनिया उन निवेशकों से भरी है, जो निवेश के परिमाण की सराहना करते हैं। हम अपने व्यवसाय का दीर्घकालिक ²ष्टिकोण बना रहे हैं।

नए जमाने के उपभोक्ता तकनीक से चलने वाले स्टार्टअप, जिन्होंने महामारी के दौरान लाखों लोगों के दैनिक जीवन को छुआ है, निवेश बैंडवागन में शामिल हो गए हैं।

राम ने कहा, केंद्र और राज्यों में नीतिगत पहलों, मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे और बेहतर नवाचार और ऊष्मायन ढांचे (इन्कयूबेशन फ्रेमवर्क) के समर्थन से, भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ऊपर चढ़ता रहेगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment