logo-image

Telegram ने नियमों के उल्लंघनकर्ताओं की जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट को दी

30 अगस्त के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कि भारत में अदालतें एक मैसेजिंग ऐप को उल्लंघनकर्ताओं की जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दे सकती हैं, इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन टेलीग्राम ने आखिरकार अदालत को प्रतियां सौंप दी हैं. उक्त डेटा, जो एक चार्ट के रूप में है, कुछ चैनलों के व्यवस्थापकों के नाम, फोन नंबर और आईपी पते दिखाता है. चैनलों पर कैंपस प्राइवेट लिमिटेड और उसकी शिक्षिका नीतू सिंह द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार अध्ययन कंटेंट को अनाधिकृत रूप से साझा करने का आरोप लगाया गया था.

Updated on: 30 Nov 2022, 04:03 PM

नई दिल्ली:

30 अगस्त के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कि भारत में अदालतें एक मैसेजिंग ऐप को उल्लंघनकर्ताओं की जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दे सकती हैं, इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन टेलीग्राम ने आखिरकार अदालत को प्रतियां सौंप दी हैं. उक्त डेटा, जो एक चार्ट के रूप में है, कुछ चैनलों के व्यवस्थापकों के नाम, फोन नंबर और आईपी पते दिखाता है. चैनलों पर कैंपस प्राइवेट लिमिटेड और उसकी शिक्षिका नीतू सिंह द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार अध्ययन कंटेंट को अनाधिकृत रूप से साझा करने का आरोप लगाया गया था.

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने 24 नवंबर के आदेश में कहा कि डेटा की प्रति वादी के वकील को प्रदान की जा सकती है, लेकिन स्पष्ट निर्देश के साथ कि वर्तमान कार्यवाही के उद्देश्यों को छोड़कर न तो वादी और न ही उनके वकील उक्त डेटा को किसी तीसरे पक्ष को दिखाएंगे. अदालत ने कहा, इसके लिए, सरकारी अधिकारियों/पुलिस के सामने प्रकटीकरण की अनुमति है. यह कहते हुए कि डेटा वाले चार्ट के साथ टेलीग्राम के हलफनामे को रिकॉर्ड में ले लिया गया है. अदालत ने इसके बाद रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि उक्त डेटा को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए.

अदालत ने कहा, 14 फरवरी, 2023 को मामले के प्रबंधन के लिए अदालत के समक्ष सूची, इसे आंशिक सुनवाई वाला मामला नहीं माना जाएगा. इस मामले को रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. इससे पहले, अदालत ने टेलीग्राम को उल्लंघनकारी कंटेंट को अपलोड करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कंटेंट, मोबाइल नंबर, आईपी पते, ईमेल पते आदि के प्रसार में उपयोग किए जाने वाले चैनलों/उपकरणों के विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया था.

कोर्ट ने कहा था, उल्लंघन करने वाले चैनलों से संबंधित डेटा और डिवाइस/सर्वर/नेटवर्क जिस पर वे बनाए गए हैं, इसके बाद दो सप्ताह की अवधि के भीतर टेलीग्राम द्वारा इस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए आईपी पते और ईमेल पते का खुलासा किया जाएगा. हाल ही में, हाईकोर्ट ने टेलीग्राम को अपने 2020 के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया था, जिसमें अनधिकृत रूप से ई-पेपर (पीडीएफ) अपलोड करने और साझा करने में शामिल उपयोगकर्ताओं की मूल ग्राहक जानकारी का खुलासा करने के लिए कहा था- जिसे दैनिक जागरण समाचार पत्र के चैनलों में नि:शुल्क सब्सक्रिप्शन के बाद ही एक्सेस किया जा सकता है.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.