केंद्र ने सोमवार को कहा कि राज्यों को बार-बार सलाह दी गई है कि वे अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) के लिए पर्याप्त संख्या में नमूने भेजें।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मामलों के मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि कुछ मीडिया रिपोटरें में यह आरोप लगाया गया है कि भारत में कोविड-19 के जीनोम अनुक्रमण और विश्लेषण में तेजी से गिरावट आई है, जबकि बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में अब तक बहुत कम नमूनों का अनुक्रमण किया गया है।
मंत्रालय ने कहा, यह स्पष्ट किया जाता है कि रिपोर्ट में उद्धृत अनुक्रमणों की संख्या, भारतीय कोविड-19 जीनोम निगरानी पोर्टल से ली गई प्रतीत होती है। आईजीआईबी एएफटीपी में विश्लेषण किए गए अनुक्रमण नमूनों के संग्रह की तिथि के अनुसार हैं और किसी विशेष महीने में अनुक्रमित नमूनों की संख्या को नहीं दिखाते हैं। आईएनएसएसीओजी कंसोर्टियम की प्रयोगशालाओं द्वारा अनुक्रमित नमूने भी संबंधित राज्यों द्वारा भेजे गए नमूनों पर निर्भर करते हैं।
इसके अलावा, आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं द्वारा नमूनों के प्रारंभिक चरण में अनुक्रमण का उद्देश्य विदेश से आने वाले यात्रियों के बीच चिंताजनक वेरिएंटों (वीओसी) का पता लगाना था और यह भी देखना था कि क्या वीओसी संक्रमित किसी व्यक्ति ने आईएनएसएसीओजी की स्थापना की तारीख (26 दिसंबर, 2020) से पिछले एक महीने (28 दिन की प्रवेश अवधि का दोगुना) में देश में प्रवेश किया है।
बयान में आगे कहा गया है कि देश के भीतर वीओसी का पता लगाने के लिए, संक्रमितों के 5 प्रतिशत (आरटी-पीसीआर द्वारा) लोगों को अनुक्रमण के लिए लक्षित किया गया था। जनवरी, 2021 के अंत तक दोनों उद्देश्यों को पूरा कर लिया गया था।
महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली जैसे कई राज्यों ने फरवरी में बढ़ते रुझान दिखाने शुरू कर दिए और प्रत्युत्तर के तौर पर विदर्भ के 4 जिलों, महाराष्ट्र के 10 जिलों और पंजाब के लगभग 10 जिलों में अनुक्रमण बढ़ाया गया।
इसके अलावा, प्रतिमाह 300 नमूनों या प्रति राज्य 10 निगरानी स्थलों तक संख्याएं निर्धारित नहीं की गई हैं। ये सांकेतिक संख्याएं हैं और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सभी भागों से भौगोलिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने वाले अधिक निगरानी स्थलों की पहचान करने की छूट दी गई है।
निगरानी स्थलों के अलावा, राज्यों के पास आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं को अनुक्रमण के लिए टीकाकरण का विवरण, पुन: संक्रमण या अन्य असामान्य पाए गए नमूने भेजने का विकल्प है।
जुलाई के बाद से, नमूना विवरणों के सटीक रूप से साझा करना और डब्ल्यूजीएस परिणामों को समय पर भेजने के लिए, निगरानी साइटों द्वारा डब्ल्यूजीएस हेतु नमूनों के लिए डेटा आईएचआईपी पोर्टल के माध्यम से साझा किया जा रहा है, जो नमूना विवरणों और डब्ल्यूजीएस परिणामों के तत्काल साझाकरण को सुनिश्चित करता है। तदनुसार, जुलाई में निगरानी स्थलों के माध्यम से 9066 नमूने भेजे गए और अगस्त में 6969 नमूने साझा किए गए।
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Source : IANS