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दक्षिण कोरिया के Observation उपग्रह ने सफलतापूर्वक कक्ष में प्रवेश किया

विज्ञान मंत्रालय और आईसीटी के अनुसार रूस के सोयुज-2.1ए रॉकेट पर कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सुबह करीब 11.07 बजे प्रक्षेपण के 100 मिनट बाद 540 किलोग्राम वजनी उपग्रह ने नॉर्वे के स्वालबर्ड सैटेलाइट स्टेशन से संपर्क स्थापित किया.

Updated on: 23 Mar 2021, 07:25 AM

highlights

  • रूसी रॉकेट के इलेक्ट्रिकल ग्राउंड सपोर्ट डिवाइस में एक त्रुटि की वजह से सोमवार को लॉन्च करने का फैसला लिया गया
  • दक्षिण कोरिया ने 2015 के बाद से सैटेलाइट प्रोजेक्ट पर कुल 158 अरब वॉन (13.9 करोड़ डॉलर) खर्च किए हैं

सियोल :

दक्षिण कोरिया (South Korea) का अगली पीढ़ी का मध्यम आकार वाला अवलोकन उपग्रह (Observation Satellite) सफलतापूर्वक अपने कक्ष में प्रवेश कर गया है. इस सैटेलाइट ने सोमवार को एक बेस स्टेशन के साथ अपना पहला संपर्क स्थापित किया. विज्ञान मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि इसने देश के अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में दक्षिण कोरिया के नवीनतम कदम को चिन्हित किया है. योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि विज्ञान मंत्रालय और आईसीटी के अनुसार, रूस के सोयुज-2.1ए रॉकेट पर कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सुबह करीब 11.07 बजे (स्थानीय समय) प्रक्षेपण के 100 मिनट बाद 540 किलोग्राम वजनी उपग्रह ने नॉर्वे के स्वालबर्ड सैटेलाइट स्टेशन से संपर्क स्थापित किया. मंत्रालय ने कहा कि कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (केएआरआई) के शोधकर्ताओं ने पुष्टि की है कि उपग्रह की प्रणाली चालू है और यह पृथ्वी से 484 किलोमीटर से लेकर 508 किलोमीटर के बीच की प्रारंभिक लक्ष्य कक्षा में पहुंच गया है.

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अवलोकन उपग्रह को मूल रूप से पिछले शनिवार को प्रक्षेपित किया जाना निर्धारित था, लेकिन रूसी रॉकेट के इलेक्ट्रिकल ग्राउंड सपोर्ट डिवाइस में एक त्रुटि की वजह से इसे सोमवार को लॉन्च करने का फैसला लिया गया. दक्षिण कोरियाई शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक इमेजिंग सेंसर सिस्टम से लैस उपग्रह पृथ्वी की सतह से 497.8 किलोमीटर ऊपर चार साल का अवलोकन मिशन पूरा करेगा. इसके कार्यक्रम में छह महीने के ट्रायल रन के बाद अक्टूबर में पृथ्वी का सटीक अवलोकन वीडियो उपलब्ध कराना निर्धारित है.

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वैश्विक अंतरिक्ष विकास दौड़ के मद्देनजर अंतरिक्ष उद्योग में देश के निवेश के वर्षो बाद ऐसी लॉन्चिंग हुई है. दक्षिण कोरिया ने 2015 के बाद से सैटेलाइट प्रोजेक्ट पर कुल 158 अरब वॉन (13.9 करोड़ डॉलर) खर्च किए हैं. विज्ञान मंत्रालय ने कहा कि उपग्रह के ऑप्टिकल पेलोड के अधिकांश मुख्य कंपोनेंट दक्षिण कोरियाई अनुसंधान संस्थानों और कंपनियों द्वारा विकसित किए गए हैं, जिनमें रक्षा आईटी दिग्गज हनवा सिस्टम्स कंपनी भी शामिल है.