श्रीलंका डेल्टा वेरिएंट के 4 उत्परिवर्तन का कर रहा है सामना

श्रीलंका डेल्टा वेरिएंट के 4 उत्परिवर्तन का कर रहा है सामना

श्रीलंका डेल्टा वेरिएंट के 4 उत्परिवर्तन का कर रहा है सामना

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

श्रीलंका के चिकित्सा विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि देश भर में फैल रहे कोविड -19 के डेल्टा वेरिएंट ने उच्च संचरण दर के कारण चार उत्परिवर्तन प्राप्त किए हैं, लेकिन टीके की प्रभावकारिता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, श्री जयवर्धनापुरा विश्वविद्यालय के इम्यूनोलॉजी और आणविक विज्ञान विभाग की प्रमुख, प्रोफेसर नीलिका मालविगे ने कहा कि जीन अनुक्रमण के बाद चार उत्परिवर्तन पाए गए, लेकिन उत्परिवर्तन के निहितार्थ स्थापित होने तक घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

मालविगे ने एक स्थानीय समाचार पत्र के हवाले से कहा कि डेल्टा म्यूटेशन (ए-222वी) कई देशों में देखा जाता है, दूसरा (ए-1078 एस) श्रीलंका और मलेशिया में पाया जाता है, जबकि अन्य दो (ए-701एस और आर-24सी) केवल श्रीलंका में पाए जाते हैं। ये केवल वायरस में उत्परिवर्तन हैं और यह इन वायरस का नया रूप नहीं बनाता है।

मालविगे ने कहा कि हमने पिछले अल्फा वेरिएंट में और श्रीलंकाई वंश (दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार) के हमारे वेरिएंट में कई अन्य उत्परिवर्तनों की पहचान की थी, जिनका कोई महत्व नहीं था। इसलिए, हालांकि श्रीलंका में देखे गए कुछ डेल्टा प्रकार के वायरस हो सकते हैं कुछ अद्वितीय उत्परिवर्तन, चिंतित होने का कारण नहीं है।

मालविगे ने कहा कि इन उत्परिवर्तन का टीके की प्रभावकारिता पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने लोगों से कोविड -19 के खिलाफ टीका लगवाने का अनुरोध किया।

श्रीलंका वर्तमान में कोविड -19 संक्रमणों की बढ़ती लहर का सामना कर रहा है, जो डेल्टा वेरिएंट के कारण होने का संदेह है, अधिकारियों ने 20 अगस्त से राष्ट्रव्यापी संगरोध कर्फ्यू की घोषणा की थी, जिसे 30 अगस्त को हटा लिया जाएगा।

बढ़ते भर्ती के साथ अस्पताल थक गए हैं जबकि रोगियों के बीच ऑक्सीजन निर्भरता भी बढ़ गई है।

देश में 7,000 से अधिक मौतें और 390,000 कोविड -19 संक्रमण दर्ज किए गए हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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