क्या होगा यदि आपके लिए लिखी गई पाठ्य सामग्री को आपकी ही भाषा में सुना भी जा सके। भारत के एक इंजीनियरिंग छात्र ने इसे हकीकत में बदलते हुए ऐसा एक खास ऐप बनाया है। इस ऐप की मदद से किसी भी वर्ड डॉक्यूमेंट को सीधे ऑडियो बुक में बदलना आसान है।
लिखावट को भाषा में तब्दील करने वाला यह ऐप वर्तमान में 32 भाषाओं को समझता है। इसका मतलब है कि आप अपने दस्तावेज को 32 अलग-अलग भाषाओं में से किसी एक में ऑडियो बुक में बदल सकते हैं।
यह ऐप जेईसीआरसी में इंजीनियरिंग के छात्र देवांग भारद्वाज द्वारा बनाया गया। इस समय पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
ऐप का नाम डॉकट्यून्स है और वर्तमान में 164 देशों में 18,000 से अधिक लोगों द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है। इस ऐप से आप माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के किसी भी बड़े डॉक्यूमेंट को ऑडियो बुक में बदल सकते हैं। इसलिए चलते समय भी इन दस्तावेजों को पढ़ने के बजाय सुना जा सकता है।
खास बात यह है कि इस ऐप में 32 भाषाओं का विकल्प है। इसमें छह भारतीय भाषाएं भी हैं। ऐप के डेवलपर देवांग भारद्वाज का कहना है कि किसी भी फाइल को ऑडियो फॉर्मेट में बदलने पर वह 98 फीसदी तक सटीक होता है। यह ऐप इसलिए बनाया गया है ताकि लोग किसी भी दस्तावेज को भाषा की बाधा के पार समझ सकें। इस ऐप द्वारा कवर किए गए दस्तावेजों को सुनने के लिए मानवीय आवाज भी उपलब्ध है। यहां इस ऐप पर साउंड बार, स्तर और गति को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस ऐप के बनने के पीछे की कहानी भी प्रेरणादायक है। देवांग को अपने पाठ्यक्रम में अंग्रेजी भाषा के पाठों को समझने में कठिनाई हो रही थी। इस बात ने उन्हें एक ऐसा ऐप बनाने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे लोग अपनी भाषा में जानकारी सुन सकें।
जेईसीआरसी के अनुसंधान केंद्र में विकसित, स्टार-अप ऐप ने कम समय में लोकप्रियता हासिल की। इस ऐप के जरिए अब तक 32,000 वर्ड फाइल्स और 35,000 फोटो को ऑडियो फाइल्स में बदला जा चुका है।
यह एक बड़ी उपलब्धि है कि विभिन्न देशों के लोग इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं और अपने काम के लिए इस ऐप पर निर्भर हैं। जेईसीआरसी फाउंडेशन के निदेशक अर्पित अग्रवाल ने आईएनएस से कहा हमारे संस्थान ने हमेशा रचनात्मकता को जगह दी है। हम ऐसे नए विचारों को विकसित करना जारी रखेंगे। देवांग भारद्वाज ने हमारे संस्थान और देश का नाम भी ऊंचा किया है।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने भी नई शिक्षा नीति के तहत ऑडियो और टॉकिंग बुक्स योजना विकसित करने का निर्णय किया है। दरअसल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका का उल्लेख किया गया है।
इसके अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक की एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों से अब तक 3211 ऑडियो बुक चैप्टर को ऑडियो, टॉकिंग बुक्स के रूप में विकसित किया गया है और व्यापक प्रसार के लिए दीक्षा पोर्टल पर मुफ्त में अपलोड किया गया है।
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Source : IANS