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फोटो: EMISAT (ANI)
EMISAT मिनी सैटेलाइट बस पर आधारित है. इसरो के मुताबिक यह सैटेलाइट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को मापने के लिए बना है. बता दें कि निचली कक्षा में स्थित यह EMISAT दुश्मन के इलाके में अंदर तक स्थित राडर स्टेशनों की निगरानी करेगा और उनकी लोकेशन भी बताएगा. अभी तक भारत इसके लिए विमानों का इस्तेमाल अर्ली वार्निंग प्लैटफॉर्म्स के रूप में करता था, लेकिन इस सैटेलाइट की मदद से अंतरिक्ष से ही दुश्मन के रडारों का पता लगाने में मदद मिलेगी.
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EMISAT दुश्मन के इलाकों का सही इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने और दुश्मन के इलाके में मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की सटीक जानकारी देगा. EMISAT दुश्मन के इलाकों में मौजूद संचार उपकरणों की जानकारी इकट्ठा करने में भी मदद करेगा. अंतरिक्ष में इसकी तैनाती के बाद भारत का रक्षा व निगरानी तंत्र और मजबूत हो जाएगा.
गौरतलब है कि पाकिस्तान और अन्य देशों से सटी भारतीय सीमा पर पैनी निगाह रखने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) EMISAT को लॉन्च किया गया. श्रीहरिकोटा से सोमवार को भारत के EMISAT उपग्रह लॉन्च कर दिया गया है. EMISAT के साथ ही 28 विदेशी नैनो उपग्रह भी प्रक्षेपित किए गए. पीएसएलवी-सी45 नामक इस मिशन के तहत पहली बार इसरो ने पृथ्वी की तीन कक्षाओं में उपग्रह स्थापित कर अंतरिक्ष संबंधी प्रयोग किया.
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Source : News Nation Bureau