राज्य में दवाओं की अवैध बिक्री की सूचना मिलने के बाद तमिलनाडु नारकोटिक इंटेलिजेंस ब्यूरो स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य भर में मेडिकल दुकानों पर औचक निरीक्षण कर रहा है।
पुलिस महानिदेशक सी. सिलेंद्र बाबू के निर्देश के बाद कई जगह छापे मारे गए है, क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फार्मेसियों और मेडिकल दुकानों के माध्यम से बच्चों और युवाओं को नशीली वाली दवाओं की अवैध बिक्री पर राज्य पुलिस को कई शिकायतें मिली थीं।
आईएएनएस ने पहले चेंगलपट्टू, सलेम, इरोड, मदुरै, डिंडीगुल, विरुधुनगर और चेन्नई जिले के कुछ हिस्सों में फार्मेसियों के काउंटरों से दवाओं की अवैध बिक्री की सूचना दी थी।
अतिरिक्त डीजीपी अपराध महेश कुमार अग्रवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने फार्मेसी मालिकों को बिना पर्चे वाली दवाओं को नहीं बेचने के लिए आगाह किया था, क्योंकि इनका इस्तेमाल दवा के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता था और हमें जानकारी मिली है कि युवा और बच्चे इसके शिकार हो रहे है। आने वाले दिनों में भी छापेमारी जारी रहेगी और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, तमिलनाडु पुलिस ने राज्य भर में नशीले पदार्थों की बिक्री के खिलाफ अलग-अलग छापेमारी की। इन छापों में कुल 2,000 किलो गांजा और 23 किलो हेरोइन जब्त की गई, जिसकी कीमत 23 करोड़ रुपये है।
पुलिस ने कहा कि राज्य भर में इन छापों में 830 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
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Source : IANS