भारत का पड़ोसी देश चीन में इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ऐसे में भारत सरकार भी सर्तक हो गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने शनिवार को समीक्षा बैठक के दौरान देश में कोविड-19 की स्थिति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी निदेशरें के अनुपालन की समीक्षा के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
सूत्रों केअनुसार, अधिकारियों ने पीके मिश्रा को चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ब्राजील आदि सहित अन्य देशों में कोविड मामलों की स्थिति से भी अवगत कराया। इसके अलावा अधिकारियों ने प्रमुख सचिव को बताया गया कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार 27 दिसंबर को देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर मॉक कोविड ड्रिल का आयोजन किया गया था। ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, लॉजिस्टिक्स और मानव संसाधनों पर विशेष ध्यान दिया गया। मॉक ड्रिल में सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया। सूत्रों ने कहा कि कुल 21 हजार 97 फैसिलिटीज मॉक ड्रिल का हिस्सा रहीं, जिनमें से 16 हजार 108 सरकारी थी।
बैठक में मिश्रा को यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों की रेंडम टेस्टिंग की जा रही है। अब तक 1 हजार 716 इंटरनेशनल उड़ानों की जांच की गई है और कोरोना टेस्ट के लिए 5 हजार 666 सैंपल लिए गए हैं। अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के लिए 29 दिसंबर को गाइडलाइन में संशोधन किया गया है, जिसके तहत अब 1 जनवरी 2023 से चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, थाईलैंड और जापान से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट (यात्रा से शुरू होने से 72 घंटे पहले तक) रिपोर्ट देनी होगी।
यात्रियों को निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट सबमिट-अपलोड करने के साथ-साथ सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करने की इजाजत देने के प्रावधान के साथ एयर सुविधा पोर्टल को चालू किया गया है। सूत्र ने कहा कि शुरुआती तौर पर पहचान करने के लिए एसएआरआई, आईएलआई और इसी तरह की बीमारियों के मामलों की निगरानी राज्यों में शुरू हो गई है और इसकी एक साप्ताहिक रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जा रही हैं।
बैठक में बताया गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा करने और उनके स्टॉक और कीमतों की निगरानी के लिए 29 दिसंबर को फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। फार्मा कंपनियों को वैश्विक सप्लाई चेन पर कड़ी नजर रखने और कोविड दवाओं समेत सभी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय को चीन को औषधीय उत्पादों और उपकरणों के चल रहे निर्यात की निगरानी करने के लिए भी कहा गया है।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा कोविड टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की गयी। यह बताया गया कि अब तक कोविड वैक्सीन की 220 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है, जिसमें 102.56 करोड़ पहली खुराक (97 प्रतिशत) और 95.13 करोड़ दूसरी खुराक (90 प्रतिशत) शामिल हैं।
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Source : IANS