उपग्रह कैरन हुआ लाल, जानिए वजह?

बर्फीले ग्रह के वातावरण से मिथेन गैस निकलने के कारण प्लूटो का सबसे बड़ा ग्रह कैरन लाल हो चुका है। अमरीकी अंतरिक्ष संस्थान नासा के अंतरिक्षयान न्यू होराइजन्स ने पिछले साल सबसे पहले इस रंगीन क्षेत्र की पहचान की थी।

बर्फीले ग्रह के वातावरण से मिथेन गैस निकलने के कारण प्लूटो का सबसे बड़ा ग्रह कैरन लाल हो चुका है। अमरीकी अंतरिक्ष संस्थान नासा के अंतरिक्षयान न्यू होराइजन्स ने पिछले साल सबसे पहले इस रंगीन क्षेत्र की पहचान की थी।

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Jeevan Prakash
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उपग्रह कैरन हुआ लाल, जानिए वजह?

बर्फीले ग्रह के वातावरण से मिथेन गैस निकलने के कारण प्लूटो का सबसे बड़ा ग्रह कैरन लाल हो चुका है। अमरीकी अंतरिक्ष संस्थान नेशनल एयरोनॉटिक्स एन्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के अंतरिक्षयान न्यू होराइजन्स ने पिछले साल सबसे पहले इस रंगीन क्षेत्र की पहचान की थी। अब वैज्ञानिकों ने इसके पीछे के रहस्य को सुलझा लिया है।

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रिसर्चरों ने कहा कि मिथेन गैस प्लूटो के वातावरण से पलायन कर जाती है और उपग्रह के गुरूत्व के कारण बंध जाती है। फिर यह जम जाती है और कैरन के ध्रुव पर बर्फीली सतह के रूप में तब्दील हो जाती है। उन्होंने कहा कि सूर्य की पराबैंगनी किरणों की रासायनिक प्रक्रिया के कारण मिथेन भारी हाइड्रोकार्बन में बदल जाती है और फिर वह थोलिंस नामक लाल कार्बनिक पदार्थ में तब्दील हो जाती है।

(इनपुट एजेंसी से भी)

NASA Pluto
      
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