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फेसबुक को संसदीय पैनल का कड़ा संदेश- टीका लगवाएं और सामने हाजिर हों

सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थाई समिति ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक की वर्चुअल पेशी की मांग को ठुकरा दिया है.

Updated on: 20 Jun 2021, 12:21 AM

highlights

  • संसदीय स्थाई समिति ने फेसबुक की वर्चुअल पेशी की मांग को ठुकरा दिया
  • फेसबुक को कड़ा संदेश, प्रतिनिधियों को फिजिकली उपस्थित होना होगा
  • समिति ने कहा कि कंपनी के सदस्यों को टीकाकरण के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा

नई दिल्ली:

सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थाई समिति ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक की वर्चुअल पेशी की मांग को ठुकरा दिया है. इसके साथ ही समिति ने फेसबुक को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि फेसबुक प्रतिनिधियों को फिजिकली उपस्थित होना होगा. कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है, जब एक दिन पहले ही माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के अधिकारियों ने समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी. इस दौरान समिति ने ट्विटर अधिकारियों से दो टूक कह दिया था कि उनको हर हालत में भारतीय कानूनों का पालन करना होगा. 

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दरअसल, फेसबुक ने संसदीय समिति को सूचना दी थी कि वो ऑनलाइन मीटिंग में शामिल हो सकते हैं, जिसको समिति की ओर से खारिज कर दिया गया. हालांकि बैठक की डेट अभी तक फिक्स नहीं हुई है. समिति ने कहा कि कंपनी के सदस्यों को टीकाकरण के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा. लेकिन मीटिंग फिजकली ही होगी.  आपको बता दें कि समिति की ओर से सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉम को यह स्पष्ट कह दिया गया है कि वो अपने प्रतिनिधियों को फिजीकल रूप से ही मुलाकात के लिए भेजें. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार फेसबुक की ओर से कहा गया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से कंपनी ने अपने प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत रूप से मीटिंग करने को मना किया है. जिस पर समिति ने फेसबुक से उन अधिकारियों की लिस्ट तलब की है, जिनको कंपनी समिति के सामने भेजना चाहती है. समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ऐसे अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन कराएगी और प्रस्तुत होने का पर्याप्त समय देगी. 

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सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने शुक्रवार को ट्विटर से कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है, न कि उनकी नीति. आईटी मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट से सख्त लहजे में यह भी कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर क्यों ने उस पर जुमार्ना लगाया जाए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय संसदीय स्थायी समिति, जिसमें 21 लोकसभा सदस्य और 10 राज्यसभा सदस्य शामिल हैं, ने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग से संबंधित मुद्दों पर ट्विटर को तलब किया था.