कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट देश के कई हिस्सों में सुनाई देने लगी है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मरीज भ्ीा सामने आ रहे है। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के इस नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। बिलासपुर में ओमिक्रॉन पीड़ित पहला मरीज मिला है।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि बिलासपुर जिले में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के एक मरीज की पुष्टि हुई है। संयुक्त अरब अमीरात से लौटे बिलासपुर जिले के एक 52 वर्षीय व्यक्ति के कोरोना पीड़ित होने के बाद उसका सैंपल जिनोमिक सिक्वेंसिंग जांच के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज भुवनेश्वर भेजा गया था। स्वास्थ्य विभाग को जांच रिपोर्ट मिली है जिसमें कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर के एम्स और पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा शीघ्र शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट और उसका बदलता स्वरूप वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश के ज्यादातर राज्यों में कोविड के नए वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण की खबरें लगातार आ रही हैं। छत्तीसगढ़ कई राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है। इसलिए यहां भी कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के वेरियंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हमें इसके लिए सैंपल भुवनेश्वर (ओड़िशा) भेजकर रिपोर्ट मंगानी पड़ती है, जिसमें काफी समय लगता है। जांच की गति धीमी होने के कारण यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन, डेल्टा या अन्य कोई दूसरा है। इसके कारण कोरोना की रोकथाम, जांच और इलाज के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने तथा रणनीतिक तैयारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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Source : IANS