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प्लास्टिक पर 8 दिन और त्वचा पर 21 घंटे तक जीवित रह सकता है ओमिक्रॉन : शोध

प्लास्टिक पर 8 दिन और त्वचा पर 21 घंटे तक जीवित रह सकता है ओमिक्रॉन : शोध

Updated on: 25 Jan 2022, 09:45 PM

टोक्यो:

कोविड-19 का अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट प्लास्टिक पर आठ दिनों तक और त्वचा पर 21 घंटे तक जीवित रह सकता है। एक नए शोध में यह दावा किया गया है।

शोध के अनुसार, नया वेरिएंट मूल स्ट्रेन के साथ ही अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा जैसे चिंता के अन्य रूपों (वैरिएंट ऑफ कंसर्न) की तुलना में कहीं अधिक लंबी अवधि तक जीवित रहने में सक्षम है।

प्री-प्रिंट पर पोस्ट किया गए अध्ययन की अभी तक पूर्ण रूप से समीक्षा नहीं की गई है। स्टडी में सार्स-सीओवी-2 वुहान स्ट्रेन और चिंता के सभी प्रकारों (वीओसी) के बीच वायरल पर्यावरणीय स्थिरता में अंतर का विश्लेषण किया गया।

निष्कर्षों से पता चला है कि प्लास्टिक और त्वचा की सतहों पर अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट ने वुहान स्ट्रेन की तुलना में दो गुना अधिक लंबे समय तक जीवित रहने का प्रदर्शन किया और त्वचा की सतहों पर 16 घंटे से अधिक समय तक यह संक्रामक बना रहा।

ओमिक्रॉन शवों से त्वचा के मॉडल पर 21.1 घंटे तक जीवित रहा, जो कि वुहान वाले मूल वायरस (8.6 घंटे), गामा (11 घंटे) और डेल्टा (16.8 घंटे) से कहीं अधिक है।

इस मामले में अल्फा (19.6 घंटे) और बीटा (19.1 घंटे) का अस्तित्व समान पाया गया।

जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा, ओमिक्रॉन वेरिएंट में वीओसी के बीच उच्चतम पर्यावरणीय स्थिरता है।

उन्होंने कहा, यह उच्च स्थिरता भी उन कारकों में से एक हो सकती है, जो ओमिक्रॉन वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट में बदलने और तेजी से फैलने देते हैं।

इसके अलावा, टीम ने पाया कि ओमिक्रॉन एक प्लास्टिक (पॉलीस्टाइरीन) सतह पर 193.5 घंटे (लगभग 8 दिन) तक जीवित रह सकता है। यह मूल स्ट्रेन (56 घंटे) और गामा वैरिएंट (59.3 घंटे) से तीन गुना से भी अधिक समय तक जीवित रह सकता है। इसके अलावा इस मामले में डेल्टा (114 घंटे) और बीटा (156.6 घंटे) से भी ओमिक्रॉन अधिक देर तक जीवित रह सकता है। केवल अल्फा वैरिएंट ही 191.3 घंटों के साथ ओमिक्रॉन के समान दिखाई दिया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इन वीओसी की उच्च पर्यावरणीय स्थिरता संपर्क संचरण के जोखिम को बढ़ा सकती है और वीओसी के प्रसार में योगदान कर सकती है।

अध्ययन से यह भी पता चला है कि हालांकि अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट में इथेनॉल प्रतिरोध में मामूली वृद्धि देखी गई, लेकिन त्वचा की सतह पर सभी वीओसी अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर के संपर्क में आने के 15 सेकंड में पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए।

शोधकर्ताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रस्तावित हाथ की स्वच्छता और उचित अल्कोहल सांद्रता वाले कीटाणुनाशकों के उपयोग की अत्यधिक अनुशंसा की।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस अध्ययन ने कुछ सीमाओं को भी स्वीकार किया, जैसे कि सतह पर शेष वायरस की मात्रा और संचरण के जोखिम के बीच संबंध इस स्तर पर अभी भी स्पष्ट नहीं है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.