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ओमिक्रॉन का भय : पटना के आईजीआईएमएस में जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू

ओमिक्रॉन का भय : पटना के आईजीआईएमएस में जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू

Updated on: 02 Jan 2022, 06:20 PM

पटना:

बिहार सरकार ने कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से निपटने के लिए रविवार को पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू की।

बिहार के अस्पताल कोविड-19 रोगियों के नमूने वायरस के नए स्वरूप से संक्रमण की जांच के लिए अब तक दिल्ली की एनसीडीसी लैब में भेज रहे थे।

आईजीआईएमएस के एक अधिकारी ने कहा कि यहां की प्रयोगशाला में पहले जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए उपकरण और जगह थी, लेकिन उस अभिकर्मक (रिएजेंट) की कमी थी, जो टेस्ट करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब संक्रमित व्यक्तियों की रिपोर्ट सात दिन में मिल जाएगी।

उन्होंने कहा, अब हमने टेस्ट करने के लिए अभिकर्मकों के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था की है। हम एक दिन में 25 टेस्ट करेंगे।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पटना में 26 वर्षीय एक व्यक्ति के वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद ओमिक्रॉन जांच सुविधा की व्यवस्था की। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए आईजीआईएमएस में जीनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश दिए।

अधिकारी ने कहा कि चिकित्सा कर्मचारी पहले से ही दिल्ली में जीनोम सीक्वेंसिंग का प्रशिक्षण ले रहे थे, और अब उन्होंने लौटकर आईजीआईएमएस में कार्यभार संभाल लिया है।

जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से ही वायरस के ओमिक्रॉन या डेल्टा स्वरूप का पता लगाया जा सकता है।

बिहार में अब तक ओमिक्रॉन का केवल एक मामला सामने आया है, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 749 है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.