केरल में 13 नोरोवायरस मामलों का पता लगाने के मद्देनजर, कर्नाटक ने कोडागु और दक्षिण कन्नड़ के सीमावर्ती जिलों में अलर्ट जारी किया है।
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जारी एक सकरुलर में उपाय पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए है।
इसने स्थिति को संभालने के लिए हर जिले के लिए एक नोडल अधिकारी के रूप में एक चिकित्सक की नियुक्ति के निर्देश दिए। जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को भी इसमें शामिल होने को कहा गया है।
संक्रमण दूषित भोजन और पानी से होता है और फैलता है। इसमें कहा गया है कि वायरस से प्रभावित व्यक्ति में उल्टी, दस्त, जी मिचलाना, पेट दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द और बुखार के लक्षण विकसित होते है।
मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना होगा। अगर इसकी उपेक्षा की गई तो यह घातक हो जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पीने के पानी के स्रोतों की जानकारी जुटाने और उनका परीक्षण करने को कहा गया है।
संक्रमण के लिए उपचार गैर-विशिष्ट है और रोगी को लक्षणों के लिए इलाज करना पड़ता है।
अक्टूबर के अंत में केरल के वायनाड जिले के पुकोडे में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय के 13 छात्रों में दुर्लभ नोरोवायरस की सूचना मिली थी। केरल सरकार ने राज्य के लोगों से हाई अलर्ट पर रहने का आह्वान किया है।
नोरोवायरस जिसे शीतकालीन उल्टी बग के रूप में भी जाना जाता है। यह अत्यधिक संक्रामक है और लोगों में आसानी से फैलता है। डॉक्टरों ने कहा कि यह रोग संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने, दूषित भोजन या दूषित सतह को छूने और बिना हाथ धोए हाथों को मुंह में लगाने से होता है।
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Source : IANS