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चंद्रयान 2 के साफ्ट लैंडिंग को मॉनिटर करते इसरो के वैज्ञानिक (File)
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चंद्रयान 2 के साफ्ट लैंडिंग को मॉनिटर करते इसरो के वैज्ञानिक (File)
चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) से निकलकर मंजिल के करीब भटक गए लैंडर विक्रम (Lander Vikram) की लोकेशन का पता चलना 130 करोड़ भारतीयों के लिए उम्मीद की किरण नहीं बल्कि आशाओं का सूरज है. हालांकि उसकी केवल थर्मल तस्वीर मिली है और संपर्क स्थापित नहीं हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक इसरो के पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन हैं. मिशन मून को लेकर भारत की उम्मीदें अभी बरकरार हैं. बता दें मंजिल से केवल 2.1 किलोमीटर पहले भटक जाने वाले लैंडर विक्रम (Lander Vikram) के बारे में एक बड़ी खबर खुद इसरो चीफ ने दी है, जिसको लेकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.
न्यूज एजेंसी एएनआई से इसरो प्रमुख के. सिवन ने बताया कि हमें विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है, वह चांद की सतह पर देखा गया है. ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल पिक्चर ली है. लेकिन अभी तक कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है. हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.
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वहीं सूत्र बताते हैं कि लैंडर विक्रम (Lander Vikram) चंद्रमा की सतह पर 180 डिग्री तक गिर गया है, इसका मतलब है कि सतह पर केवल दो पैर छू रहे हैं, ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम (Lander Vikram) की तस्वीरें क्लिक की हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है लेकिन कोई संचार स्थापित नहीं किया गया है. विक्रम लैंडर लैंडिंग वाली तय जगह से 500 मीटर दूर पड़ा है. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा ने विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है.
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जहां तक विक्रम से संपर्क करने की बात है तो एक अनुमान के मुताबिक इसरो के पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन हैं, क्योंकि अभी लूनर डे चल रहा है. एक लूनर डे पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है. इसमें से 2 दिन बीत चुके हैं. यानी अगले 12 दिनों तक चांद पर दिन रहेगा. उसके बाद चांद पर 14 दिन के लिए रात हो जाएगी, रात में विक्रम से संपर्क करने में दिक्कत होगी. इसरो वैज्ञानिको को इंतजार करना पड़ेगा.
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अब इसरो वैज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके. बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से लगातार विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर को संदेश भेजा जा रहा है ताकि कम्युनिकेशन शुरू किया जा सके.