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एआरटी, सरोगेसी बिल बेहतर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का प्रयास है : मंडाविया

एआरटी, सरोगेसी बिल बेहतर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का प्रयास है : मंडाविया

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IANS
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New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) और सरोगेसी विधेयक मरीजों को बेहतर चिकित्सा देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने का एक प्रयास है।

उन्होंने भोपाल में आयोजित 27वें वार्षिक इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (आईएसएआर) सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए यह बात कही।

मंडाविया ने कहा, असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज (एआरटी) में नई तकनीकों और तकनीकों को शामिल करने से मरीजों को काफी फायदा हुआ है, जिससे बांझपन के कारण और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण मातृत्व की सुविधा के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई स्वास्थ्य पहलों ने लाभांश का भुगतान किया है और इसके परिणामस्वरूप मातृ मृत्युदर (एमएमआर) भी कम हुई है।

उन्होंने अपने विश्वास की पुष्टि की कि एआरटी में नए विकास को आत्मसात करने के लिए जारी अथक प्रयासों के साथ, भारत भारत में जोड़ों के लिए प्रजनन क्षमता के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं और देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति करेगा।

मंडाविया ने संतानहीनता में योगदान देने वाले एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक कारक के रूप में मासिक धर्म स्वच्छता की कमी का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता की सुविधा के लिए जन औषधि केंद्र 1 रुपये में सैनिटरी पैड प्रदान करते हैं।

उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत सरकार स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में पारंपरिक औषधीय सिद्धांत हमारे प्रयास को और मजबूत करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने दुनिया भर में हजारों आईवीएफ, एआरटी विशेषज्ञों, स्त्री रोग विशेषज्ञों, भ्रूणविज्ञानियों और एआरटी प्रौद्योगिकीविदों को इकट्ठा करने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने, तकनीकी विकास और नवाचारों के लिए एक मंच प्रदान करने के आईएसएआर के प्रयासों की भी सराहना की, जिससे रोगियों को भी लाभ हुआ।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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