केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय (सब-नेशनल) प्रयासों के माध्यम से मलेरिया उन्मूलन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
मंडाविया ने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ देश की मलेरिया उन्मूलन योजना को आगे बढ़ाने के लिए विशेष समाधान विकसित करने में मदद करेगा और बेहतर स्वास्थ्य, जीवन की गुणवत्ता और गरीबी उन्मूलन में योगदान देगा।
मंडाविया ने यहां विश्व मलेरिया दिवस 2022 के उपलक्ष्य में अपने संबोधन के दौरान कहा, न केवल निदान और उपचार, हमारे व्यक्तिगत और सामुदायिक परिवेश में स्वच्छता और मलेरिया नियंत्रण और रोकथाम के बारे में सामाजिक जागरूकता मलेरिया के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई और 2030 तक देश से मलेरिया को खत्म करने के हमारे लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।
हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है वैश्विक मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें।
उन्होंने जोर देकर कहा, स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली की प्रगतिशील मजबूती पर जोर देने और बहु-क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग में सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि निजी चिकित्सकों सहित निजी क्षेत्र को अपने मलेरिया केस प्रबंधन एवं रिपोटिर्ंग और संबंधित गतिविधियों को राष्ट्रीय कार्यक्रम के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, जिस तरह से हम नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ आगे बढ़ रहे हैं, भारत की ई-संजीवनी ने टेली-परामर्श और टेली-रेफरेंसिंग का मार्ग दिखाया है, जिसका व्यापक स्तर पर मलेरिया सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और उपचार के लिए व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है।
मलेरिया उन्मूलन की दिशा में भारत के प्रयासों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, भारत ने मलेरिया की घटनाओं और मौतों को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारे प्रयासों के परिणामस्वरूप 2015 के मुकाबले 2021 में मलेरिया के मामलों में 86.45 प्रतिशत की गिरावट और मलेरिया से संबंधित मौतों में 79.16 प्रतिशत की कमी आई है। देश के 124 जिलों में एजेरो मलेरिया के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि मलेरिया उन्मूलन के हमारे लक्ष्य की दिशा में यह एक बड़ा कदम है, लेकिन मलेरिया मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए अभी और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा, 2030 तक मलेरिया को खत्म करने की दिशा में मिशन मोड पर काम चल रहा है। केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार और प्रयोगशाला सहायता सहित मलेरिया के बोझ को कम करने के लिए जमीनी स्तर पर राज्य सरकारों के साथ काम कर रही है।
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Source : IANS