नासा का मंगल रोवर 18 फरवरी को उतरने के लिए तैयार, जानें इसकी खूबियां
नासा में साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने मंगलवार को कहा, पर्सिवरेंस नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है. यह मिशन इस बात का पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं.
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नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने पुष्टि की है कि मार्स 2020 पर्सियवरेंस मिशन सही तरीके से चल रहा है और इसका लक्ष्य 18 फरवरी को लगभग दोपहर 3.55 बजे जेजेरो क्रेटर पर पहुंचने का है. नासा में साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने मंगलवार को कहा, पर्सिवरेंस नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है. यह मिशन इस बात का पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं. इस सवाल का जवाब हमें उस लैंडिंग टीम से मिलेंगे जो हमें जजेरो क्रेटर तक ले जाएगी.
जेजेरो एक बेसिन है और वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां एक प्राचीन नदी बहती थी और उसकी गाद वहां जमा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां के वातावरण में जीवन होने के सबूत संरक्षित हो सकते हैं. वैसे मंगल पर लैंडिंग करना बहुत मुश्किल है क्योंकि अतीत में किए गए ऐसे प्रयासों में ये बमुश्किल आधे प्रयास ही सफल हुए हैं. लिहाजा पर्सिवरेंस टीम पुराने प्रयासों से सीखने की कोशिश कर रही है, साथ ही स्पेसक्रॉफ्ट में ऐसी नई टेक्न ॉलॉजी का उपयोग कर रही है, जो उसे लैंडिंग साइट पर सटीकता से लैंडिंग करने में मददगार हो.
मंगल पर लैंड की गारंटी नहीं ली जा सकती
जेपीएलओ में इस मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जेनिफर ट्रॉस्पर ने कहा, पर्सिवरेंस टीम जजेरो क्रेटर पर उतरने के लिए जरूरी जटिल कोरियोग्राफी पर काम कर रही है. मंगल पर लैंड करने की गारंटी नहीं ली जा सकती है, लेकिन हम इस रोवर के पहियों को मंगल की सतह छूने के लिए 10 साल से तैयारी कर रहे हैं. लोग इस ऐतिहासिक लैंडिंग को नासा टीवी पर लाइव देख सकते हैं.
नवंबर में नासा ने समुद्र के बढ़ते जलस्तर की निगरानी के लिये भेजा था उपग्रह
सेंटिनल -6 नाम का यह उपग्रह बढ़ते समुद्र के स्तर का दस्तावेजीकरण करने के नासा के 3 दशक लंबे काम को जारी रखेगा. इसके बाद 2025 में इस उपग्रह का काम इसका जुड़वां सेंटिनल-6 बी द्वारा किया जाएगा. इस जोड़ी को वैश्विक समुद्री सतह की ऊंचाई मापने हमारे लगभग 30 साल लंबे रिकॉर्ड को आगे बढ़ाने का काम सौंपा गया है. उपग्रहों में लगे उपकरण वायुमंडलीय डेटा भी देंगे जो मौसम के पूवार्नुमान, जलवायु मॉडल और तूफान की ट्रैकिंग में सुधार करेंगे. पूर्व नासा अर्थ साइंस डिवीजन के निदेशक माइकल फ्रेइलिच के नाम पर यूएस-यूरोपीय उपग्रह को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर अंतरिक्ष में ले जाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था.
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