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अगर आप पेटीएम वॉलेट और फोन पे जैसे मोबाइल वॉलेट्स का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इस खबर से झटका लग सकता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सख्ती की वजह से ज्यादातर मोबाइल वॉलेट्स मार्च तक बंद हो सकते हैं क्योंकि आरबीआई के सख्ती के बाद भी वॉलेट कंपनियों ने ग्राहकों का वेरिफिकेशन नहीं करवाया है. आरबीआई ने ऐसी कंपनियों को ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए फरवरी 2019 तक का समय दिया था. ऐसे में जिन लोगों का वेरिफिकेशन कंपनी नहीं कर पाई है उनका वॉलेट बंद होना तय माना जा रहा है.
गौरतलब है कि आरबीआई ने मोबाइल वॉलेट्स को अक्टूबर 2017 में निर्देश दिया था कि नो योर कस्टमर गाइडलाइंस के तहत ऐसी कंपनियां ग्राहकों की पूरी जानकारी जुटाएं. इसे पेश से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक वॉलेट कंपनियां अब तक अपने टोटल यूजर बेस के मामूली हिस्सा की ही जानकारी जुटा पाई है और ज्यादतर लोगों का बॉयमैट्रिक या फिजिकल वेरिफिकेश नहीं किया गया है.
आरबीआई से आदेश मिलने के बाद कंपनियों ने ग्राहकों की जानकारी जुटाने का काम शुरू तो किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आधार कार्ड वेरिफिकेश पर पाबंदी लगाने के बाद ई-केवाईसी पर रोक लग गई जिसके बाद फिजिकल वेरिफिकेश में कंपनियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट की माने तो मोबाइल वॉलेट की सेवा देने वाली कंपनियां अभी सिर्फ 10 फीसदी ग्राहकों का ही वेरिफिकेश डाटा जुटा पाई है.
पेटीएम कंपनी यूपीआई पेमेंट के क्षेत्र में सबसे आगे निकल गई है और उसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 33 फीसदी से अधिक हो गई है. पेटीएम का स्वामित्व रखने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने कहा कि कंपनी ऑफलाइन भुगतानों के लिए भीम यूपीआई शुरू कर रही है, जिसके तहत कंपनी के कुल 95 लाख व्यवसायी आधार में 50 लाख से ज्यादा भीम यूपीआई भुगतान स्वीकार करेंगे.
पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक एबोट ने कहा, 'पेटीएम भीम यूपीआई को व्यापक रूप से स्वीकृत होते देखना उत्साहजनक है और यह लाखों यूजर के लिए भुगतान के पसंदीदा तरीका है, जिसने हमें यूपीआई भुगतान में नेतृत्वकर्ता बना दिया है.'
पेटीएम पर किए जाने वाले सभी भुगतान में से 20 फीसदी भीम यूपीआई से किए जाते हैं, जिसमें मोबाइल रिचार्ज और भुगतान, बिजली और पानी के बिल और डीटीएच रिचार्ज समेत अन्य शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau
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