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मोदी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग विज्ञापनों के लिए जारी किए गाइडलाइंस

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारकों को सलाह दी है कि विज्ञापन किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा न दें जो कि कानूनी रूप से प्रतिबंधित है. विज्ञापनों में 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति का चित्रण प्रतिबंधित है.

Updated on: 05 Dec 2020, 10:31 AM

नई दिल्ली:

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सैटेलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले ऑनलाइन गेमिंग, फैंटेसी स्पोर्ट्स संबंधित विज्ञापनों पर गाइडलाइंस जारी की है. 15 दिसंबर 2020 से इन गाइडलाइंस का चैनलों को पालन करना अनिवार्य होगा. मंत्रालय ने प्रसारकों को सलाह दी है कि विज्ञापन किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा न दें जो कि कानूनी रूप से प्रतिबंधित है. विज्ञापनों में 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति का चित्रण प्रतिबंधित है.

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अतिरिक्त आदमनी या रोजगार के जरिया के रूप में नहीं दिखाया जाएगा
साथ ही विज्ञापनों में ऑनलाइन गेमिंग को अतिरिक्त आदमनी या रोजगार के जरिया के रूप में नहीं दिखाया जाएगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एडवाइजरी में टीवी चैनलों पर ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापनों पर चिंता जताते हुए कहा कि इसमें भ्रामक सूचना होती है. ये विज्ञापन आर्थिक खतरों के बारे में सही जानकारी नहीं देते. केबल टेलीविजन नेटवर्क(रेगुलेशन) एक्ट, 1995 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 के नियम-कायदों के विपरीत ये विज्ञापन हैं.

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इस सिलसिले में 18 नवंबर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ न्यू ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन आदि हितधारकों के साथ बैठक हुई थी, जिसके बाद भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने ऐसे विज्ञापनों के लिए एक गाइडलाइंस जारी की है. गाइडलाइंस के मुताबिक, ऐसे विज्ञापनों में 18 वर्ष या इससे कम का कोई व्यक्ति नहीं दिखेगा. विज्ञापनों के 20 प्रतिशत हिस्से पर चेतावनी जारी करनी होगी कि ये गेम आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं. अपने खतरे पर इसमें हिस्सा लें. विज्ञापनों में ऐसे ऑनलाइन गेमिंग को रोजगार के रूप में चित्रित नहीं किया जा सकता. टीवी चैनलों पर ये दिशा-निर्देश 15 दिसंबर से लागू होंगे.