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सांकेतिक चित्र
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सांकेतिक चित्र
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को चंद्रयान-2 मिशन 7 सितंबर की रात इतिहास रच देगा. इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद अब भारतीय वायु सेना और अंतरिक्ष विज्ञानियों ने मिशन गगनयान पर अपनी निगाहें टिका दी हैं. मिशन गगनयान के तहत 2022 तक भारत किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा और फिर सकुशल वापस लाएगा. इस मिशन का पूरा दारोमदार अंतरिक्ष यात्रियों पर ही निर्भर करेगा. ऐसे में अच्छी बात है कि अंतरिक्ष यात्रियों के चयन का पहला चरण भी सफलतापूर्वक पूरा हो गया है.
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अंतरिक्ष यात्रियों के चयन का पहला चरण संपन्न
अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की यह पहली प्रक्रिया इंस्टिट्यूट ऑफ एयरस्पेस मेडिसिन में भारतीय वायुसेना की ओर से पूरी की गई. गगनयान के अंतर्गत भारत 2022 तक अंतरिक्ष यात्रियों को भेजकर वापस लाना चाहता है. इस मिशन पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. मिशन के निर्धारित लक्ष्यों के मुताबिक, भारत अपने कम-से-कम तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 5 से 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजेगा, जहां वे विभिन्न प्रकार के माइक्रो-ग्रैविटी टेस्ट को अंजाम देंगे. भारत ने गगनयान मिशन में सहयोग के लिए रूस और फ्रांस से करार किया है.
Indian Air Force:Completed Level-1 of Indian Astronaut selection at Institute of Aerospace Medicine. Selected Test Pilots underwent extensive physical exercise tests,lab investigations,radiological tests, clinical tests&evaluation on various facets of psychology.#MissionGaganyaan pic.twitter.com/7ialOnZsuw
— ANI (@ANI) September 6, 2019
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12 संभावित अंतरिक्ष यात्री होंगे
शुक्रवार को भारतीय वायुसेना की ओर से यह जानकारी दी गई कि चुने गए पायलट्स को शारीरिक टेस्ट्स, लैब परीक्षण, रेडियॉलजिकल टेस्ट्स, क्लिनिकल टेस्ट्स और साइकॉलजी के आधार पर मापा गया. बता दें कि गगनयान मिशन के लिए चयनित होने वाले 12 संभावित भारतीय अंतिरक्ष यात्रियों में से चार का चयन रूस करेगा और उन्हें अपने यहां प्रशिक्षण भी देगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम नवंबर महीने से शुरू होगा और 15 महीने तक चलेगा. पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉस्को में इसरो के तकनीकी संपर्क केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी है.
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