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उत्तर पूर्व भारत में पांच राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

उत्तर पूर्व भारत में पांच राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

Updated on: 03 May 2022, 11:15 PM

नई दिल्ली:

उत्तर पूर्व भारत के डिब्रूगढ़ एवं जोरहाट (असम), पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश), दीमापुर (नागालैंड), सेनापति (मणिपुर) में 5 राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) केंद्र शुरू किए जा रहे हैं।

इसके अलावा उत्तर पूर्व के कौशल प्रशिक्षण में शामिल होने वाले छात्रों तथा शिक्षकों को सीधे केंद्रीय मंत्री के साथ संवाद का अवसर मिलेगा। कौशल प्रशिक्षण देने वाले जन शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-साक्षर, नव-साक्षरों के साथ-साथ स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों को प्रासंगिक बाजार वाले कौशल की पहचान करके व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। गौरतलब है कि भारत की दो-तिहाई से अधिक आबादी में ग्रामीण नागरिक शामिल हैं।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर यहां उत्तर पूर्व के छात्रों एवं शिक्षकों से मुलाकात एवं विभिन्न विषयों पर उनके साथ सीधी चर्चा करेंगे। 4 मई को चंद्रशेखर नागालैंड में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारत सरकार के आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करने के लिए किफिरे जिले की यात्रा करेंगे और उसके बाद जिला अस्पताल, किफिरे का दौरा भी करेंगे। यह विशेष ध्यान देने योग्य है कि नगालैंड में किफिरे आकांक्षी जिले को वर्ष 2021 में देश के आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में पहला तथा आधारभूत बुनियादी ढांचे के मापदंडों में दूसरा स्थान मिला था।

जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया, आकांक्षी जिला कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर के 112 सबसे कम विकसित जिलों में शीघ्र और प्रभावी ढंग से परिवर्तन लाना है। कार्यक्रम के व्यापक रूप हैं संरेखण (केंद्र और राज्य की योजनाओं का), सहयोग (केंद्रीय, राज्य स्तर के प्रभारी अधिकारियों और जिला कलेक्टरों का), और मासिक डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा, सभी एक जन आंदोलन से प्रेरित हैं। मंत्रालय के मुताबिक सरकार अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने तथा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के अंतर्गत सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री इस दौरान जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) का दौरा करेंगे और कौशल प्रशिक्षण में शामिल होने वाले छात्रों तथा शिक्षकों के साथ बातचीत करेंगे।

चंद्रशेखर 5 मई को लोंगवा गांव का दौरा करेंगे और जिला प्रशासन के साथ चर्चा करेंगे। 6 मई को वह दीमापुर से पूर्वोत्तर क्षेत्र में 5 राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) केंद्रों का उद्घाटन करेंगे। ये केंद्र डिब्रूगढ़ और जोरहाट (असम), पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश), दीमापुर (नागालैंड), सेनापति (मणिपुर) में स्थित हैं।

चंद्रशेखर ने पिछली बार सितंबर 2021 में नगालैंड का दौरा किया था, जब उन्होंने कोहिमा में एक सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 5 एनआईईएलआईटी केंद्रों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया था। इनमें से एक चूड़ाचांदपुर, तुइबोंग, मणिपुर में, मिजोरम के आइजोल और असम के कोकराझार तथा तेजपुर में हैं।

केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय ने दिसंबर 2021 में 3 महीने की समय अवधि के भीतर उत्तर पूर्व भारत में प्रमुख परियोजना को तेजी से शुरू किया। अब तक, 4100 कारीगरों को शामिल किया गया है और 4 नौकरी की भूमिकाओं - बांस के उपयोग से हस्तशिल्प को इकट्ठा करने वाले, बांस के बुनकर, बांस की टोकरी बनाने वाले, लकडी के खिलौने बानाने वाले कारीगर के क्षेत्र में फैले 100 बैचों में 3100 लोग पंजीकृत किए गए हैं।

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