शोधकर्ताओं को मंगल के भूमध्यरेखा के निकट प्राचीन घाटी में जमीन जैसे धब्बों की खोज की हैं। इससे पता चलता है कि इसमें कभी पानी रहा होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये निष्कर्ष लाल ग्रह पर अतीत के जीवन के बारे खोज करने का सुझाव देते हैं। यह शोध 'जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
आयरलैंड के ट्रिनिटी कॉलेज डुबलिन के शोधकर्ताओं में से एक मैरी बॉर्के ने कहा, 'पृथ्वी पर रेगिस्तान में बालू के टीले कभी न कभी अस्थिर भूजल वाले इलाके पानी से भरे रहे हैं और वहां झीलें, नदियां और तट पास में रहे हैं। यहां कई बार आई बाढ़ अपने पीछे एक ढांचा छोड़ जाती है।'
बॉर्के ने कहा, 'आप हमारी उत्सुकता की कल्पना कर सकते हैं, जब हमने मंगल के एक भाग के उपग्रह चित्रों का स्कैन किया। यह उसी ढांचे की तरह दिखाई दे रहा है। इससे पता चलता है कि पानी यहां हाल के दिनों में उपस्थित था।'
और पढ़ें: अमेरिका के 96 सैटेलाइट्स के साथ इसरो ने रचा इतिहास, जानें 10 खास बातें
अफ्रीका के नामीब रेगिस्तान में एक दूर संवेदी अध्ययन में शोधकर्ताओं ने शुरुआत में पाया कि इस तरह धनुषाकार सीमा की तरह के ढांचे रेत के टीलों और देशांतर की सतह के बीच दिखाई दिए।
विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें
बाद में पता चला कि भूजल के वाष्पन से लवणों के बचे रहने से बालू के तलछटों का निर्माण हुआ, जिससे धनुषाकार आकृतियां बनीं।
Source : News Nation Bureau