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नंबर-1 पर ट्रेंड हुआ Koo App, क्या Twitter की बढ़ेगी परेशानी

भारत में देशी Koo एप की धमक ट्विटर पर हो चुकी है. बुधवार को ट्विटर पर Koo App नंबर-1 ट्रेंड कर रहा है. इस देशी एप की लोकप्रियता से ट्विटर की परेशानी जरूर बढ़ गई होगी.

Updated on: 10 Feb 2021, 07:12 PM

नई दिल्ली:

भारत में देशी Koo एप (Koo App) की धमक ट्विटर पर हो चुकी है. बुधवार को ट्विटर पर #KooApp नंबर-1 ट्रेंड कर रहा है. इस देशी एप की लोकप्रियता से ट्विटर की परेशानी जरूर बढ़ गई होगी. दरअसल, एक तरफ जहां ट्विटर नंबर-1 ट्रेंड कर रहा था, वहीं दूसरी तरफ #BanTwitter भी  ट्रेंड कर रहा है. कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्‍मनिर्भर भारत का आह्वान किया था. उसके बाद से भारत में कई स्‍वदेशी एप लांच हो चुके हैं. इसी कड़ी में माइक्रो ब्‍लॉगिंग एप Twiitter को टक्‍कर देने के लिए देसी Koo एप लांच किया गया. अब तक भारत सरकार के कई मंत्री और अन्‍य सेलिब्रिटीज इस एप से जुड़ चुके हैं. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और रेल मंत्री पीयूष गोयल इस एप का हिस्सा बन चुके हैं.

बता दें कि भारत सरकार और टि्वटर के बीच पिछले कई दिनों से टकराव चल रहा है. हाल ही में ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (इंडिया एवं साउथ एशिया) महिमा कौल ने अपना पद भी छोड़ दिया है. कौल के इस्‍तीफे को सरकार के साथ टकराव का नतीजा बताया जा रहा है. 

Koo एप हिंदी, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया और असमी भाषा को सपोर्ट करता है. Twitter की तरह Koo पर भी यूजर फोटो, ऑडियो, वीडियो और लिखित कंटेंट शेयर कर सकते हैं. Koo पर शब्‍दों की सीमा 350 है और इसका इंटरफेस Twitter जैसा ही है. 

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Koo एप Twitter से काफी मिलता-जुलता है. Twitter पर जुड़ने के लिए जहां आपको ईमेल आईडी देनी होती है, वहीं Koo ज्‍वाइन करने के लिए आपको केवल वैलिड मोबाइल नंबर की जरूरत होती है. Koo पर पहली बार रजिस्टर करने के दौरान आपका फ़ोन नंबर एक ओटीपी के माध्यम से वेरीफाई किया जाता है. Koo एप iOS और एंड्रॉइड दोनों जगह उपलब्‍ध है और वेब ब्राउज़र से भी इसे एक्‍सेस किया जा सकता है. Koo एप को गूगल प्‍ले स्‍टोर और एप्‍पल एप स्‍टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. 

Koo एप को गूगल प्ले स्टोर पर एवरेज रेटिंग 4।7 स्टार दी गई है, वहीं iOS एप पर इसकी रेटिंग 4।1 की है. अब तक Koo एप को लगभग 2।5 मिलियन डाउनलोड कर चुके हैं और करीब एक मिलियन एक्टिव यूजर्स भी हैं. मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अब तक माइक्रो ब्लॉगिंग स्टार्टअप Koo ने 41 लाख डॉलर (29।84 करोड़ रुपये) का फंड जुटा लिया है. Koo इस धन का इस्‍तेमाल अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए करेगा. Koo एप को इंफोसिस के मोहनदास पाई की 3one4 कैपिटल की ओर से भारी फंडिंग हुई है. पाई के अलावा Koo को एक्‍सेल पार्ट्नर्ज, कालारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्ज और ड्रीम इंक्युबेटर से भी फंड मिला है. Koo के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण हैं.