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जानिए कौन हैं भारत सरकार पर दबाव का आरोप लगाने वाले जैक डोर्सी और क्या है पूरा मामला

जैक डोर्सी ने साल 2028 में भारत की यात्रा की थी. इस दौरान वह ट्विटर के सीईओ थे. तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर की थी. पीएम मोदी के साथ मुलाकात की एक तस्वीर साझा करते हुए डोर्सी ने लिखा था,  'हमार

Updated on: 13 Jun 2023, 05:40 PM

नई दिल्ली:

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर जहां लोगों की अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा साधन है तो वहीं इसका विवादों से भी नाता रहा है. अमेरिका हो या भारत कई देशों में ट्विटर के पूर्व सीईओ और डेवलपर जैक डोर्सी का राजनेताओं के साथ विवाद हुआ है. जैक डॉर्सी भारत में एक बार फिर से चर्चा में है. जिसकी वजह उनका भारत सरकार पर किसान आंदोलन के दौरान कई अकाउंट्स को बैन करने का आरोप लगाना है. बता दें कि जैक डोर्सी ने साल 2006 में अपने दोस्त नोआ ग्लास के साथ ट्विटर को डेवलप किया था. साल 2015 से 2021 तक जैक डॉर्सी ट्विटर के सीईओ रहे.  लेकिन 29 नवंबर 2021 को उन्होंने ट्विटर के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया. 

भारत में पीएम मोदी से मुलाकात कर चके हैं जैक डोर्सी

बता दें कि जैक डोर्सी ने साल 2028 में भारत की यात्रा की थी. इस दौरान वह ट्विटर के सीईओ थे. तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर की थी. पीएम मोदी के साथ मुलाकात की एक तस्वीर साझा करते हुए डोर्सी ने लिखा था,  'हमारे साथ समय गुजारने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. आपके साथ वैश्विक संवाद के महत्व के बारे में चर्चा करके मैं पसन्न हूं. ट्विटर के लिए आपके सुझाव का धन्यवाद.'  

किसान आंदोलन के दौरान शुरु हुआ भारत सरकार के साथ विवाद

साल 2021 में जब भारत में किसान आंदोलन कर रहे थे तभी ट्विटर और भारत सरकार के साथ विवाद पैदा हुआ. जो एक बार फिर से उबरकर सामने आया है. मोदी सरकार पर आरोप लगाया गया कि सरकार ने प्लेटफॉर्म पर कई अकाउंट्स को बैन करने के लिए कहा था, लेकिन ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद फरवरी 2022 में सरकार ने नए आईटी नियमों की घोषणा की. लेकिन ट्विटर ने नए आईटी नियमों को अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया. लेकिन, लंबे विवाद के बाद ट्विटर को नए नियमों को मानने के लिए बाध्य होना पड़ा. बावजूद इसके ट्विटर ने तत्कालीन उप राष्ट्रपति का ब्लू टिक हटा दिया साथ ही बीजेपी नेता संबित पात्रा के एक ट्वीट को मैन्यूपलेट मीडिया लेबल किया गया. यही नहीं ट्विटर ने तत्कालीन आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को भी लॉक कर  दिया था.

जिस दोस्त के साथ डेवलप किया ट्विटर उसे ही दिखाया बाहर का रास्ता

ट्विटर के डेवलर जैक डोर्सी का अमेरिका के सेंट लईस में 1976 में पैदा हुए. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रोग्रामर के तौर पर करियर की शुरुआत की. फरवरी 2006 में जैक डोर्सी ने अपने दोस्त नोआ ग्लास के साथ ट्विटर का आइडिया शेयर किया. दोनों ने इस पर काम शुरु किया और ट्विटर की शुरुआत की. हालांकि, बाद में जैक डोर्सी ने नोआ ग्लास को ही ट्विटर से बाहर का रास्ता दिखा दिया. बताया जाता है कि ट्विटर को ये नाम देने के पीछे एक कहानी है. ऐसा कहा जाता है एक दिन दोनों दोस्त नशे में थे. तब जैक डॉर्सी ने कहा कि उन्हें एक ऐसी वेबसाइट बनानी है, जिस पर लोग अपना करेंट स्टेटस बताएं कि वे क्या कर रहे हैं और क्या सोच रहे हैं?. इसके बाद एक ऑफिस मीटिंग में सभी को इसके लिए आइडिया मांगा गया. तब जैक ने कागज पर एक आइडिया लिखाकर दिया. जैक के इस आइडिया को नोआ ने 'twttr' नाम दिया. जो ट्विटर का शुरुआती नाम था. डोर्सी ने अपना पहला ट्वीट 22 मार्च 2006 को किया जिसमें उन्होंने लिखा था, just setting up my twttr जिसका मतलब था 'बस अपने twttr को सेटअप कर रहा हूं'.

डोनाल्ड ट्रंक के अकाउंट को किया था ब्लॉक

बता दें कि जैक डोर्सी जब कंपनी के सीईओ थे तब उन्होंने कई सख्त फैसले लिए. जिसमें राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने जैसे फैसले शामिल हैं. इसके अलावा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्विटर अकाउंट को बैन करना भी जैक डोर्सी का बड़ा फैसला था. हालांकि, जब एलॉन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया तब डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को बहाल किया गया.