दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोविड -19 महामारी से कई स्वास्थ्य पेशेवरों की भी जानें गई हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के स्टेट चैप्टर से मिली जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में इस वायरस से अबतक करीब 100 डॉक्टरों की मौत हो हुई है।
इन डॉक्टरों के परिवारों को अभी तक सरकार द्वारा घोषित राहत राशि नहीं मिली है।
तीन महीने पहले त्रिची सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 39 वर्षीय फ्रंटलाइन कार्यकर्ता डॉ मणिमारन की कोविड के कारण मौत हो गई थी। उनकी पत्नी निजाल मोझी ने कहा कि वह अपने पति की मौत के बाद से कठिन परेशानियों का सामना कर रही हैं।
दंपति के दो बच्चे हैं जो अभी स्कूल जाते हैं। निजाल मोझी ने कहा कि वह अपने खर्च के साथ-साथ अपने दो छोटे बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी नहीं उठा पा रही हैं।
आईएएनएस से बात करते हुए निजाल मोझी ने कहा, हमने बैंकों से होम लोन लिया था, और वे रोजाना उन्हें कॉल कर रहे हैं। अगर सरकार केवल एकमुश्त छूट की घोषणा करती है, तो उससे हम अपने लोन का निपटान कर सकते हैं और बाकी राशि हमारे बच्चों की शिक्षा के लिए शेष रखी जाए।
पिछली एआईएडीएमके सरकार ने फ्रंटलाइन डॉक्टरों के परिवारों को 50 लाख रुपये के एकमुश्त मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन केवल दो परिवारों को ही राशि मिली और वह भी प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।
वहीं, द्रमुक सरकार ने पदभार संभालने के बाद मृतक फ्रंट लाइन डॉक्टरों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी, इसके बावजूद उन्होंने डॉक्टरों के परिजनों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया है।
आईएमए ने मांग की है कि राहत राशि को वापस बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाए।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने आईएएनएस को बताया, सरकार ने पहले ही स्वास्थ्य विभाग को प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है । मेरी जानकारी के अनुसार लगभग सभी फाइलें अंतिम चरण में हैं और तुरंत राशि वितरित कर दी जाएगी। विभाग इस मामले पर कार्रवाई कर रहा है।
दिवंगत डॉक्टर कल्याणरमन और सुगुमर के परिवारों को सहायता राशि मिल गई है और आईएमए और सरकारी डॉक्टरों की कानूनी समन्वय समिति ने परिवारों को तुरंत पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला है।
-आईएएनएस
साकिब/आरजेएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS