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केजीएमयू में एचसीवी दवाओं का स्टॉक खत्म, मरीज परेशान

केजीएमयू में एचसीवी दवाओं का स्टॉक खत्म, मरीज परेशान

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में दवाओं का स्टॉक खत्म होने से यहां आने वाले हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से पीड़ित मरीज वापस लौटने को मजबूर हैं और खुले बाजार से लगभग 8,000-10,000 रुपये की कीमत पर दवाएं खरीद रहे हैं।

लिवर सिरोसिस के एडवांस स्टेज में मरीजों को उनके इलाज के लिए दो जरुरी दवाओं की आवश्यकता होती है। वर्तमान में, लगभग 200-250 एचसीवी मरीजों का केजीएमयू में इलाज चल रहा है और इतनी ही संख्या में नए मरीज यहां हर महीने पंजीकृत होते हैं।

विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत केंद्र से दवाएं मिलती हैं, लेकिन मौजूदा स्टॉक केवल पुराने मरीजों के लिए ही है।

अधिकारियों ने बताया कि नया स्टॉक 30 दिन पहले आने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केजीएमयू के अधिकारियों ने दवा के स्टॉक को फिर से भरने की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करते हुए एनएचएम को एक अनुरोध पत्र सौंपा है।

केजीएमयू में एचसीवी के लिए उपचार का एक विशिष्ट कोर्स तीन महीने तक चलता है, जो नए मरीजों के लिए इलाज शुरू करने के लिए दवा के समय पर आगमन के महत्व पर जोर देता है।

केजीएमयू में हेपेटाइटिस कंट्रोल कैंपेन के नोडल अधिकारी प्रोफेसर सुमित रूंगटा ने बताया कि मौजूदा और नए हेपेटाइटिस सी मरीजों की मांगों को पूरा करने के लिए दवा का मौजूदा स्टॉक अपर्याप्त है।

हम केवल पंजीकृत मरीजों को दवा वितरित कर रहे हैं, ताकि उनके इलाज में रुकावट न आए।

संपर्क करने पर, राज्य हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी विकासेंदु अग्रवाल ने कहा: केंद्र सरकार से मांग की गई है और एक या दो दिन में मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और पश्चिम बंगाल से नया स्टॉक आने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि उन्हें देरी के सटीक कारण की जानकारी नहीं है, लेकिन सप्लाई चेन या टेंडर प्रोसेस में कोई समस्या हो सकती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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