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सिर्फ 5 अफ्रीकी देशों ने हासिल किया कोविड वैक्स लक्ष्य: डब्ल्यूएचओ

सिर्फ 5 अफ्रीकी देशों ने हासिल किया कोविड वैक्स लक्ष्य: डब्ल्यूएचओ

Updated on: 29 Oct 2021, 02:05 PM

ब्राजाविल:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि सिर्फ पांच अफ्रीकी देशों का लक्ष्य साल के अंत तक 40 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह टीकाकरण करना है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार दुनिया की सर्वोच्च स्वास्थ्य नीति-निर्धारण संस्था ने कांगो की राजधानी ब्रेजाविल में स्थित अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय कार्यालय के हवाले से कहा कि सेशेल्स, मॉरीशस और मोरक्को पहले ही उस लक्ष्य को पूरा कर चुके हैं, जो विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा मई में निर्धारित किया गया था।

कार्यालय ने कहा कि ट्यूनीशिया और केप वर्डे भी इसमें शामिल है।

डब्ल्यूएचओ को चेतावनी दी कि सीरिंज जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं तक सीमित पहुंच अफ्रीका में कोविड-19 टीकों के रोलआउट को धीमा कर सकती है। संस्था ने केन्या, रवांडा और दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ देशों ने सीरिंज प्राप्त करने में देरी का अनुभव किया है।

अफ्रीका के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने कहा कि टीके की कमी का खतरा महाद्वीप पर मंडरा रहा है। अगले साल की शुरूआत में कोविड-19 टीके अफ्रीका में भेजे जाना शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन सीरिंज की कमी प्रगति में बाधा बन सकती है।

मोइती ने कहा कि कोविड सुविधा सिरिंज निमार्ताओं के साथ सौदे हासिल करके और सिरिंजों की आपूर्ति से अधिक डिलीवरी से बचने के लिए बेहतर योजना के माध्यम से इस खतरे को दूर करने के लिए काम कर रही है।

अफ्रीका अभी भी वर्ष के अंत के लक्ष्य के मुकाबले कोविड-19 टीकों की 275 मिलियन की कमी का सामना कर रहा है।

अफ्रीका ने 77 मिलियन लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया है, जो कि इसकी आबादी का सिर्फ 6 प्रतिशत है, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक उच्च आय वाले देशों ने अपने 40 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहले ही टीका लगा दिया है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लगभग 8.5 मिलियन कोविड-19 मामलों और अफ्रीका में 217,000 से अधिक मौतों के साथ, 10 देशों में अभी भी पुनरुत्थान देखा जा रहा है, जिसमें गैबॉन, कांगो-ब्रेजाविल, कैमरून और मिस्र शामिल हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.