चांद पर उतरने से चंद घंटे ही दूर हैं 'विक्रम' और 'प्रज्ञान', भारत रचेगा इतिहास

चंद्रयान का लैंडर विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर सात सितंबर की रात 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच चांद पर उतरेगा.

चंद्रयान का लैंडर विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर सात सितंबर की रात 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच चांद पर उतरेगा.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
चांद पर उतरने से चंद घंटे ही दूर हैं 'विक्रम' और 'प्रज्ञान', भारत रचेगा इतिहास

इसरो के वैज्ञानिकों की निगाहें लगी हैं चंद्रयान 2 की 7 सितंबर पर.

महज चंद घंटे दूर है चंद्रयान-2 के 'विक्रम' और 'प्रज्ञान' चांद पर कदम रखने से. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) में वैज्ञानिक विक्रम और पे लोड्स के सकुशल लैंडिंग के लिए अपनी तैयारियों में जुटे हैं. चंद्रयान की चांद पर लैंडिंग से पहले देश भर के लोगों के साथ इसरो के मिशन चंद्रयान-2 से जुड़े वैज्ञानिकों में भी जबर्दस्त उत्साह है. हालांकि इसरो के वैज्ञानिकों के मन में थोड़ी फिक्र और चिंता भी है. होनी स्वाभाविक भी है, क्योंकि चंद्रयान-2 की पहली लैंडिंग तकनीकी कारणों के चलते टालनी पड़ी थी, बल्कि इसलिए भी जिस जगह चंद्रयान-2 की लैंडिंग होनी है वहां अभी तक कोई चंद्र मिशन नहीं उतरा है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः Reliance Jio GigaFiber: वेलकम प्लान में जानें किसको मिलेगा कौन सा टीवी

नासा की भी हैं निगाहें
सिर्फ इसरो ही क्यों नासा की ओर से अंतरिक्ष में गए जैरी लिनेंगर भी चंद्रयान-2 मिशन को लेकर खासे उत्साहित हैं. उन्होंने कहा है कि भारत का चंद्रयान-2 मिशन न सिर्फ विज्ञान एवं तकनीक के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे चांद पर मानव कॉलोनी बसाने की दिशा में भी जबर्दस्त मदद मिलने वाली है. गौरतलब है कि रूस, अमेरिका और चीन भले ही चांद की सतह पर अपने-अपने रॉकेट उतारने में कामयाब रहे हों, लेकिन भारत का च्ंद्रयान-2 मिशन पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जहां अभी तक कोई यान नहीं उतरा है.

यह भी पढ़ेंः न्यायिक हिरासत में भेजे गए पी चिदंबरम ने कहा- मुझे सिर्फ अर्थव्यवस्था की चिंता है

इतिहास रचने के करीब चंद्रयान-2
इस लिहाज से देखें तो भारत का चंद्रयान-2 इतिहास रचने के बेहद करीब पहुंच चुका है. मिशन की तमाम बाधाओं को सफलतापूर्वक पार करने की वजह से चंद्रयान-2 के सफल होने की उम्मीदें काफी बढ़ चुकी हैं. चंद्रयान का लैंडर विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर सात सितंबर की रात 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच चांद पर उतरेगा.

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तानी अवाम को महंगाई डायन खाय जात है, अखबार ही पोल खोल रहे आर्थिक दुश्वारियों की

4 घंटे बाद लैंडर से बाहर निकलेगा रोवर
लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर उतरने के लगभग चार घंटे बाद इसके भीतर से रोवर प्रज्ञान बाहर निकलेगा. इसके बाद अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर एक चंद्र दिन तक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा. गौरतलब है कि चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है. इस दौरान वह लगातार चांद की परिक्रमा कर धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिकों को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) के बारे में जानकारी भेजता रहेगा.

यह भी पढ़ेंः हेलमेट नहीं पहनने पर जनता से 1000 रुपए का चालान और यहां मंत्री साहब से 200 रुपए

15 बाधाओं को किया पार
चंद्रयान-2 ने अपने 48 दिन के सफर में से लगभग 47 दिन पूरे कर लिए हैं. इस दौरान चंद्रयान-2 ने मिशन की 15 बड़ी बाधाओं को सफलतापूर्व पार कर लिया है. अब चांद पर सफल लैडिंग इसकी अंतिम बाधा है. माना जा रहा है कि चंद्रयान-2 पहले की सभी बाधाओं की तरह ही चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की अंतिम चरण भी आसानी से पूरा कर लेगा.

HIGHLIGHTS

  • चंद्रयान-2 ने अपने 48 दिन के सफर के लगभग 47 दिन पूरे किए.
  • 7 सितंबर की रात 1.30 बजे से 2.30 बजे के बीच चांद पर उतरेगा.
  • इससे चांद पर मानव कॉलोनी बसाने की दिशा में भी मदद मिलेगी.
Lunar Mission ISRO Moon Mission Chandrayaan 2 Vikram Chandrayaan 2 Landing Isro Chandrayaan 2 Pragyaan
      
Advertisment