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Winter Solstice: 800 साल बाद होने जा रहा सुदूर अंतरिक्ष में 'जादू'

आज शाम सूर्यास्त के समय दुर्लभ नजारा दिखेगा जब शनि व बृहस्पति ग्रह एक-दूसरे के बेहद नजदीक दिखाई देंगे.

Updated on: 21 Dec 2020, 04:24 PM

नई दिल्ली:

अनंत आकाश में गहन दिलचस्पी रखने वालों के लिए सोमवार की शाम बेहद खास होने जा रही है. दुनिया आज एक दुर्लभ खगो​लीय घटना की गवाह बनेगी जो 800 साल बाद घटित होने जा रही है. 21 दिसंबर साल 2020 का सबसे छोटा दिन होगा, जबकि रात वर्ष की सबसे लंबी रात होगी. ऐसे में आज शाम सूर्यास्त के समय दुर्लभ नजारा दिखेगा जब शनि व बृहस्पति ग्रह एक-दूसरे के बेहद नजदीक दिखाई देंगे. 
 
सन् 1226 के बाद दोनों ग्रह होंगे इतने नजदीक
सन् 1226 के बाद पहली बार ये दोनों ग्रह एक दूसरे के इतने नजदीक होंगे. इस खगोलीय घटना के कारण 21 और 22 दिसंबर को दिन 10:41 घंटे का और रात 13:19 घंटे की होगी. बहुत कम लोग ही अपने जीवन काल में इस खगोलीय घटना के साक्षी बन पाते हैं. इसीलिए इसे महान संयोग (Great Conjunction) कहा जा रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक शाम के समय दोनों ग्रहों को एक दूसरे के काफी नजदीक देखा जा सकेगा. इस घटना के समय गुरु की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट तो शनि की दूरी 10.825 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट होगी. दोनों ग्रह इस तरह मिलते जरूर दिखेंगे, लेकिन वास्तव में एक दूसरे से 73 करोड़ किमी (733860864 किमी) से अधिक दूरी पर होंगे.

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इसलिए होता है ऐसा
वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य 21 दिसंबर को कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है. जिसकी वजह से सूर्य की किरणें बहुत कम समय के लिए पृथ्वी पर रहती हैं. इस दौरान सूर्य की मौजूदगी करीब 8 घंटे रहती और इसके अस्त होने के बाद लगभग 16 घंटे की रात रहती है. इस घटना के होने की एक और वजह है पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.45 डिग्री का झुकाव. शीतकालीन संक्रांति में सूर्य का प्रकाश कम पड़ने के कारण दिन छोटा और रात लंबी होती है.

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बढ़ जाएगी ठंड
वैज्ञानिकों की मानें तो Winter solstice के बाद ठंड भी बढ़ जाती है. क्योंकि इस घटना के बाद पृथ्वी पर चंद्रमा की रोशनी ज्यादा देर तक रहने लगती है. जबकि सूर्य की रोशन बहुत कम समय के लिए पृथ्वी पर पड़ती हैं.