जापान के वैज्ञानिकों को चंद्रमा पर मिली 50 किलोमीटर लंबी गुफा
चंद्रमा पर सबसे पहले 20 जुलाई 1969 को जब नील आर्मस्ट्रांग ने कदम रखा था तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन मनुष्य उसी चंद्रमा पर पानी और गुफा तक ढ़ुढ निकालेगा।
नई दिल्ली:
चंद्रमा पर सबसे पहले 20 जुलाई 1969 को जब नील आर्मस्ट्रांग ने कदम रखा था तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन मनुष्य उसी चंद्रमा पर पानी और गुफा तक ढ़ुढ निकालेगा।
जापान के वैज्ञानिकों को चंद्रमा पर एक बहुत बड़ी गुफा का पता चला है। इस गुफा में चंद्रमा पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट रह सकते हैं, जिससे वे खतरनाक विकिरण और तापमान में बदलाव से बच सकते हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक गुफा 50 किलोमीटर लंबी (31 मील) और 100 मीटर चौड़ी है। माना जा रहा है कि 3.5 अरब साल पहले ज्वालामुखीय हलचल के दौरान यह गुफा बनी. उस वक्त चंद्रमा पर लावा बहा होगा, जिसकी बुदबुदाहट ने इस विशाल गुफा का निर्माण किया।
जापानी वैज्ञानिक जुनिची हारुयामा ने गुरुवार को कहा, 'हमें अभी तक ऐसी चीज के बारे में पता था और माना जाता था कि यह लावा ट्यूब हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी की पुष्टि पहले नहीं हुई थी।'
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आपको बता दे कि जापान ने इसी साल जून में साल 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष मिशन भेजने की घोषणा की है जबकि भारत और चीन भी इस तैयारी में है।
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