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जामिया और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ने लीवर कैंसर की पोटेंशियल ड्रग खोजी

जामिया और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ने लीवर कैंसर की पोटेंशियल ड्रग खोजी

Updated on: 08 Jan 2022, 01:20 AM

नई दिल्ली:

जामिया और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, यूएसए के शोधकर्ताओं द्वारा लीवर कैंसर के थेरप्युटिक मैनेजमेंट के लिए पोटेंशिअल ड्रग टारगेट की खोज की गई है। यह फैटी लीवर रोग- और लीवर कैंसर के थेरप्युटिक मैनेजमेंट के लिए पोटेंशिअल ड्रग टारगेट के रूप में स्पेक्ट्रिन प्रोटीन की खोज है।

सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज, जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, यूएसए के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप यह शोध किया है। यह एक गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग- और लीवर कैंसर के थेरप्युटिक मैनेजमेंट के लिए पोटेंशिअल ड्रग टारगेट के रूप में स्पेक्ट्रिन प्रोटीन की खोज की है। यह शोध गैर-मादक फैटी लीवर रोग और लीवर कैंसर के मामलों को नियंत्रित करने में सहायता करेगा जो तेजी से बढ़ रहे हैं।

शोध दल प्रोफेसर लोपा मिश्रा, एक प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और निदेशक, सेंटर फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन, सर्जरी विभाग, जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय, यूएसए, जामिया के डॉ. मो. इम्तियाज हसन और उनके पीएचडी स्कॉलर ताज मोहम्मद और अन्य शोधकर्ताओं के निष्कर्ष को अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (एएएएस) द्वारा प्रकाशित साइंस की एक अत्यधिक प्रतिष्ठित पत्रिका, साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन (17.956 का प्रभाव कारक) में प्रकाशित किया गया है। एएएएस दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े सामान्य विज्ञान संगठनों में से एक है।

शोध के व्यापक क्लिनिकल महत्व को समझते हुए, साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन ने एसपीटीबीएन 1 नामक पेपर को डाईट-इनड्यूस्ड लीवर रोग और कैंसर के विकास को रोकने के लिए थेरप्युटिक टारगेट के रूप में इसकी वेबसाइट के होम पेज पर प्रदर्शित किया है।

जामिया विश्वविद्यालय के मुताबिक टीम ने एक प्रोटीन एसपीटीबीएन1 की भूमिका की जांच की, जो लीवर रोग और ट्यूमर के गठन में टीजीएफ-एसएमएडी3 सिग्नलिंग को बढ़ावा देता है और पाया कि 2-स्पेक्ट्रिन वेस्टर्न डाईट पर चूहों में लिपोजेनेसिस और लीवर कैंसर के विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी पाया कि एसपीटीबीएन1 की मेडीएटिड थेरेपी के नॉकआउट ने चूहों को आहार-प्रेरित मोटापे, फाइब्रोसिस, लिपिड एक्युमेलेशन और लीवर में टिश्यू डेमेज से बचाया।

जामिया का कहना है कि डेटा दर्शाता है कि एसपीटीबीएन 1 गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस और लीवर कैंसर में चिकित्सीय हस्तक्षेप के लिए एक पोटेंशिअल टारगेट का प्रतिनिधित्व करता है।

डॉ हसन लैब ड्रग डिजाइन और डेवेलपमेंट के क्षेत्र में काम कर रही है। उनकी शोध टीम प्रयास ने पहले भी शीर्ष स्तरीय क्लिनिकल रिसर्च जर्नल में कई पेपर प्रकाशित किए हैं, जिनमें लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन, सेमिनार इन कैंसर बायोलॉजी आदि शामिल हैं।

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