भारत ने फ्रेंच गुयाना के यूरोपिय अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से जीसैट-17 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इसी के साथ ही इसरो ने संचार क्षेत्र में एक और उपग्रह को अपने खाते में जोड़ लिया है।
एरियन 5 रॉकेट के जरिए जीसैट-17 को अंतरिक्ष में स्थापित कर इसरो ने अपने संचार उपग्रहों की लिस्ट में एक और सैटेलाइट जोड़ लिया है। इसरो ने यह रॉकेट फ्रेंच गुयाना के यूरोपीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से जीसैट-17 तथा हेलास सैट 3-इमारसैट एस ईएएन को लेकर अंतरिक्ष के लिए रवाना किया।
इस रॉकेट वजह कुल 10,177 किलोग्राम बताया गया है। जबकि जीसैट-17 का वजन करीब 3,477 किलोग्राम है।
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इससे पहले बुधवार को इस मिशन के बारे में बताते हुए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियनस्पेस ने कहा था, 'जीसैट-17 का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मौजूदा 17 दूरसंचार उपग्रहों के बेड़े को मजबूत करने के लिए किया है, जिसे एरियन 5 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रक्षेपण के लगभग 41 मिनट बाद उपग्रह प्रक्षेपण यान से अलग हो जाएंगे।'
विभिन्न संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए जीसैट-17 नॉर्मल सी-बैंड, एक्सटेंडेड सी-बैंड तथा एस-बैंड में पेलोड का वहन करता है। इसरो ने कहा कि जीसैट-17 में मौसम डेटा रिले तथा उपग्रह आधारित खोज एवं बचाव सेवाओं के लिए उपकरण भी हैं। ये उपकरण पहले के इनसैट उपग्रहों को भी प्रदान किए गए हैं।
इसे भारत के संचार औद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी सफलता माना जा रहा है।
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Source : News Nation Bureau