New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/11/14/chndryaan-60.jpg)
प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले सात सितंबर को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ (Soft landing)का देश का प्रयास विफल हो गया था.
प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को कहा कि भारत अगले साल संभवत: नवंबर में एक बार फिर चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ (Soft landing) का प्रयास कर सकता है. उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले सात सितंबर को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ (Soft landing)का देश का प्रयास विफल हो गया था. इसरो (ISRO) ने सभी प्रक्षेपण यान कार्यक्रमों का दायित्व देखने वाले अग्रणी केंद्र तिरुवनंतपुरम स्थित ‘विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र’ के निदेशक एस सोमनाथ के नेतृत्व में प्रस्तावित ‘चंद्रयान-3’पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी.
यह भी पढ़ें- चाय पर चर्चा नहीं यहां चले लात-घूंसे, आधा दर्जन लोग हुए घायल, जानें पूरा मामला
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है. समिति को अगले साल के अंत से पहले मिशन तैयारी के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नवंबर में अच्छा प्रक्षेपण समय है.’’ अंतरिक्ष एजेंसी के सूत्रों ने कहा, ‘‘इस बार, रोवर, लैंडर और लैंडिंग अभियानों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और चंद्रयान-2 में जो खामियां रहीं, उन्हें ठीक किया जाएगा.’’ इसरो ने गत सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास किया था, लेकिन चांद पर उतरने के क्रम में लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था.
अंतरिक्ष एजेंसी के तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र के निदेशक वी नारायणन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों और इसरो के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय स्तर की एक समिति ने लैंडर के साथ संपर्क टूटने के कारणों का विश्लेषण किया है. समिति में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और यू आर राव उपग्रह केंद्र के सदस्य शामिल हैं. इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘क्या गलत हुआ, इस बारे में सटीक कारणों पर इस समिति ने काम किया है. उन्होंने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है और माना जाता है कि यह अंतरिक्ष आयोग को सौंपी जा चुकी है.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय की अनुमति के बाद इसे सार्वजनिक किए जाने की उम्मीद है.’’
Source : PTI