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Chandryaan 2 चांद की चौथी ऑर्बिट में करेगा प्रवेश
Chandryaan 2: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए आज का दिन बहुत खास है. खुशखबरी ये है कि हम चांद तक पहुंचने की चौथे पायदान पर आज चढ़ने वाले हैं. दरअसल आज यानी 30 अगस्त की शाम 6 से 7 बजे के बीच चंद्रयान 2 (Chandrayaan-2) को चांद की चौथी कक्षा में प्रवेश करेगा. इसके बाद, चंद्रयान-2 चांद के चारों तरफ 126 किमी की एपोजी (चांद से सबसे कम दूरी) और 164 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) में चक्कर काटेगा.
#Chandrayaan2 has officially gone further than its predecessor Chandrayaan 1! What do you think it will find on the Moon? Share your thoughts with us in the comments below!#ISRO#MoonMissionpic.twitter.com/pZEnxPf3su
— ISRO (@isro) August 29, 2019
अगले 2 दिनों तक चंद्रयान-2 इसी ऑर्बिट में चांद का चक्कर काटता रहेगा. इसके बाद 1 सितंबर को शाम 6 से 7 बजे के बीच पांचवीं कक्षा में प्रवेश करेगा. तब यह चांद के चारों तरफ 114 किमी की एपोजी और 128 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा.
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7 सितंबर को चंद्रयान-2 इतिहास रचते हुए अपने पूर्वज चंद्रयान-1 से आगे निकल जाएगा. बता दें कि चंद्रयान-1 ऑर्बिटर चांद के चारों तरफ 100 किमी की कक्षा में चक्कर लगाता था. इस बार चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर भी इसी कक्षा में चक्कर लगाएगा लेकिन विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेंगे और यहीं से चंद्रयान-2 अपने पूर्वज से आगे निकल जाएगा. इसके बाद 6 और 7 सितंबर की बीच की रात 1.40 बजे विक्रम लैंडर चांद पर उतरना शुरू करेगा जो इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा.
7 सितंबर को चंद्रयान-2 चांद की सतह पर पहले से निर्धारित जगह (दक्षिणी ध्रुव) पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा. इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और लैंडर के बीच कम्युनिकेशन करना है. ऑर्बिटर चांद की सतह का नक्शा तैयार करेगा, ताकि चांद के अस्तित्व और विकास का पता लगाया जा सके. वहीं, लैंडर और रोवर चांद पर एक दिन (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) काम करेंगे. लैंडर यह जांचेगा कि चांद पर भूकंप आते हैं या नहीं, जबकि रोवर चांद की सतह पर खनिज तत्वों की मौजूदगी का पता लगाएगा.
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चंद्रयान 2 के चांद की सतह पर उतरने के साथ ही भारत के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा. अगर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया सफल होती है तो भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन के लैंडर भी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करवा चुके हैं. बता दें, चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को धरती पर से अंतरिक्ष में रवाना किया गया था. इसका प्रक्षेपन देश के भारी वजन उठानेवाले रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच वेहिकल - मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से किया गया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो