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IP Rating: जानें कितना सुरक्षित है आपका स्मार्टफोन और हेडफोन, इन मानकों से होगा तय 

स्मार्टफोन हो या हेडफोन आज कल वाटरप्रूफ गैजेट्स की रेटिंग के रूप में आते हैं. आम उपभोक्ता अभी ये नहीं जानते हैं कि ये रेटिंग क्या होती है. इसका क्या उपयोग होता है.

Updated on: 28 Apr 2023, 10:03 PM

नई दिल्ली:

IP Rating: स्मार्टफोन हो या हेडफोन आज कल वाटरप्रूफ गैजेट्स की रेटिंग के रूप में आते हैं. आम उपभोक्ता अभी ये नहीं जानते हैं कि ये रेटिंग क्या होती है. इसका क्या उपयोग होता है.  बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियां अब स्मार्टफोन को वॉटरप्रूफ और डस्ट प्रूफ बनाने में लगी हैं. स्मार्टफोन के वॉटरप्रूफ और डस्ट प्रूफ होने को लेकर एक तरह की रेटिंग मिलती है. कुछ रेटिंग इस तरह की होती हैं जो स्मार्टफोन को पानी से बचने के बारे में बताती हैं. इस समय कंपनियां फोन में  आईपी रेटिंग को IP67, IP68 या IPX8 रेटिंग जैसे शब्द के साथ पेश कर रही हैं. आइए जानने की कोशिश करते इन रेटिंग्स के बारे में. 

क्या होता है IP रेटिंग्स?

IP ​​​​रेटिंग को इंटरनेशनल प्रोटेक्शन (International Protection Rating) रेटिंग कहा जाता है.  दो अक्षरों की ये रेटिंग आपके डिवाइस के सुरक्षा मानक को तय करती है. इसमें दो अल्फाबेट के बाद दो न्यूमेरिकल अंक भी होते हैं. ये डिवाइस के सुरक्षा मानक का स्तर बताते हैं. गौरतलब है कि यह रेटिंग दो तरह की होती हैं. पहला ठोस वस्तुओं की सुरक्षा और दूसरा तरल पदार्थों से सुरक्षा. 

आईपी रेटिंग 0 से 6 स्केल तक की होती है. यह ठोस वस्तुओं के सुरक्षा स्तर को बताती है. दूसरी 0 से 8 स्केल होती है. यह तरल पदार्थों की सुरक्षा स्तर को तय करती है. इस लेवल से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि कोई भी डिवाइस धूल, धूप और नमी से कितनी सुरक्षित है. IP रेटिंग जितनी अधिक होगी. फोन उतना ही ज्यादा बेहतर और सुरक्षित स्थिति में होगा. 

इन रेटिंगों का क्या है मतलब 

IP68 रेटिंग वाले स्मार्टफोन धूल का सामना करने में सक्षम हैं. उन्हें आधे घंटे तक 1.5 मीटर में पानी में डाला जा सकता है. IP67 रेटिंग का अर्थ है कि डिवाइस के अंदर धूल कभी नहीं जा  सकती है. इसे एक मीटर गहरे पानी रखा जा सकता है. अगर आपके फोन को IP52 की रेटिंग मिली है तो इसका अर्थ है कि ​यह डिवाइस थोड़ी बहुत धूल के साथ पानी को सह सकता है.