भारतीय सेना की स्वायत्त हथियार प्रणालियों का हिस्सा बनें आक्रमक ड्रोन

भारतीय सेना ने 75 स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित ड्रोन को लाइव प्रदर्शित किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सुसज्जित ड्रोन शामिल थे. यह प्रदर्शन दर्शाता है कि भारतीय सेना अब प्रौद्योगिकी के साथ दुश्मन का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह है.

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Shailendra Kumar
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Invasion drones become part of Indian Army autonomous weapon systems

भारतीय सेना की स्वायत्त हथियार प्रणालियों का हिस्सा बनें आक्रमक ड्रोन( Photo Credit : IANS)

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लेकर स्वायत्त शस्त्र प्रणाली और क्वांटम ब्लॉक चेन से लेकर रोबोटिक्स तक, भारतीय सेना अब आक्रामक तकनीक अपना रही है. सेना ने पहली बार शुक्रवार को दिल्ली छावनी में आयोजित सेना दिवस परेड के दौरान आक्रामक ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया. भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त से कुछ आक्रामक ड्रोन खरीदे हैं. अगस्त 2019 में बल ने पांच ड्रोन खरीदे, अक्टूबर में 20 ड्रोन और दिसंबर में 35 ड्रोन खरीदे हैं.

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ये ड्रोन अत्याधुनिक एआई संचालित हैं, जो कि लक्षित क्षेत्र (टारगेट एरिया) में सटीक ऑपरेशन में सक्षम हैं. यह ड्रोन स्वचालित होने के साथ ही कई तरह के मिशनों में उपयोग में लाए जा सकते हैं. ये ड्रोन की एक मदर ड्रोन के साथ ही उससे जुड़े दो छोटे ड्रोन के जरिए काम में लाए जा सकते हैं, जो कि आपस में जुड़े होते हैं.

भारतीय सेना ने शुक्रवार को 75 स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित ड्रोन को लाइव प्रदर्शित किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सुसज्जित ड्रोन शामिल थे. यह प्रदर्शन दर्शाता है कि भारतीय सेना अब प्रौद्योगिकी के साथ दुश्मन का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ये ड्रोन 40 किलोमीटर तक दुश्मन के इलाके में गहरी उड़ान भर सकते हैं.

भारतीय सेना फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोनॉमस वेपन सिस्टम्स, क्वांटम टेक्नोलॉजीज, रोबोटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और अल्गोरिदम वारफेयर में भारी निवेश कर रही है. भारतीय सेना ने ड्रीमर्स, स्टार्टअप्स, एमएसएमई, प्राइवेट सेक्टर, एकेडेमिया, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (डीपीएसयू) के साथ समन्वय में प्रौद्योगिकी पहल की एक विस्तृत श्रृंखला शुरू की है.

प्रदर्शन के दौरान ऐसे लड़ाकू ड्रोन भी दिखाए गए, जो कि स्वायत्त सामरिक मिशनों में बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब वास्तव में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण कोर युद्ध क्षमता के रूप में उभर रही है. यही वजह है कि भारतीय सेना अभूतपूर्व उत्साह के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी अपना रही है.

Source : IANS

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