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INSAT-3DS launch today: GSLV F14 रॉकेट को क्यों कहा जाता है ISRO का 'naughty boy'

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज शनिवार शाम को अंतरिक्ष यान जीएसएलवी एफ 14 (GSLV F14) रॉकेट पर मेट्रोलॉजिकल सेटेलाइट INSAT-3DS लॉन्च करने जा रहा है.

Updated on: 17 Feb 2024, 05:06 PM

नई दिल्ली :

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज शनिवार शाम को अंतरिक्ष यान जीएसएलवी एफ 14 (GSLV F14) रॉकेट पर मेट्रोलॉजिकल सेटेलाइट INSAT-3DS लॉन्च करने जा रहा है. जोकि अधिक सटीक और जानकारीपूर्ण मौसम पूर्वानुमान के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा चेतावनियों को मुहैया कराएगा. बता दें कि, INSAT-3DS को 17 फरवरी शाम 5:35 बजे श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) से लॉन्च किया जाएगा. गौरतलब है कि, जिस रॉकेट के जरिए INSAT-3DS को लॉन्च होना है, उसे  “naughty boy” नाम दिया गया है.. चलिए जानते हैं क्यों?

GSLV F14 को 'naughty boy' क्यों कहा जाता है?

दरअसल ये मिशन, GSLV F14 अंतरिक्ष यान के लिए 16वां मिशन साबित होगा. इसे "naughty boy" का नाम इसलिए दिया जाता है, क्योंकि इसरो के एक पूर्व अध्यक्ष ने इस अंतरिक्ष यान को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का "naughty boy" करार दिया था. 

बता दें कि, GSLV ने अतीत में डिलीवरी करते समय कई बाधाओं का सामना किया है और इसकी विफलता दर 40 प्रतिशत है. जीएसएलवी एफ14 को अब तक अपने कुल 15 अंतरिक्ष अभियानों में से छह में समस्याओं का सामना करना पड़ा है. इस अंतरिक्ष यान से जुड़ा आखिरी मिशन मई 2023 में था, जो सफल रहा था, लेकिन उससे पहले वाला मिशन विफल हो गया था. 

INSAT-3DS mission details

गौरतलब है कि, इसरो के अनुसार, शनिवार के मिशन GSLV-F14/INSAT-3DS का उद्देश्य मौजूदा परिचालन INSAT-3D (2013 में लॉन्च) और INSAT-3DR (सितंबर 2016) को बेहतर मौसम संबंधी अवलोकन, भूमि की निगरानी और सेवाओं की निरंतरता प्रदान करना है. मौसम की भविष्यवाणी और आपदा की चेतावनी के लिए समुद्री सतहों के साथ-साथ सैटेलाइट सहायता प्राप्त अनुसंधान और बचाव सेवाएं (एसएआर) प्रदान करने के लिए सहायक रहेगा.