भारतीय स्टार्टअप्स जीरो से 100 मिलियन डॉलर तक पहुंचने में 5 साल का समय ले रहे

भारतीय स्टार्टअप्स जीरो से 100 मिलियन डॉलर तक पहुंचने में 5 साल का समय ले रहे

भारतीय स्टार्टअप्स जीरो से 100 मिलियन डॉलर तक पहुंचने में 5 साल का समय ले रहे

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

भारतीय स्टार्टअप अब राजस्व में शून्य से 100 मिलियन डॉलर तक पहुंचने में लगभग पांच साल का समय ले रहे हैं। गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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पिछले एक दशक में पारिस्थितिकी तंत्र के परिपक्व होने के साथ, 100 मिलियन डॉलर के निशान तक पहुंचने में लगने वाला समय काफी कम हो गया है।

रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के आंकड़ों के मुताबिक, 2000 में 100 मिलियन डॉलर के राजस्व तक पहुंचने में 18 साल लग गए थे, जो अब पांच साल हो गए हैं।

भारत में लगभग 100 यूनिकॉर्न और 170 सूनीकॉर्न हैं। इन 270 चमकते सितारों में से, फिनटेक, ईकॉमर्स और लॉजिस्टिक्स में 40 से अधिक स्टार्टअप ने वित्त वर्ष 2022 तक 100 मिलियन डॉलर राजस्व को पार कर लिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, इन स्टार्टअप्स को इस पैमाने तक पहुंचने में 5 से 12 साल का समय लगा है।

वीसी ने स्टार्टअप इकोसिस्टम में पिछले 15 वर्षों (कैलेंडर वर्ष 2008 से कैलेंडर वर्ष 2022) में लगभग 143 अरब डॉलर का निवेश किया है, जिसका वर्तमान में मूल्य 804 अरब डॉलर है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मौजूदा मूल्यांकन पर, यह वीसी के लिए उनके निवेश पर लगभग 4.5 गुना रिटर्न देता है।

रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के पार्टनर रोहन अग्रवाल ने कहा, टैम विस्तार से अनुकूलित समाधान, उत्पाद बाजार में फिट, लाभप्रदता और परिचालन दक्षता में सुधार के लिए, हमारे उद्योग विशेषज्ञ स्टार्टअप्स को ऊंचाइयों तक ले जाने और उनकी चुनौतियों को हल करने में मदद करते हैं।

भारत में लगभग 12,000 स्टार्टअप हैं, जिनका राजस्व वर्गीकरण इमर्जिग (10 मिलियन डॉलर से कम), ग्रोथ स्टेज (10 डॉलर 100 मिलियन) से लेकर बड़े (100 मिलियन डॉलर से 1 अरब डॉलर से अधिक) तक है।

इनमें से 95 प्रतिशत उभरती हुई श्रेणी के हैं, 3-4 प्रतिशत विकास के चरण में हैं और 0.5 प्रतिशत से कम कंपनियां बड़ी हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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