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भारत ने एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का लड़ाकू विमान सुखोई-30 से सफल परीक्षण किया

इस मिसाइल की खूबी यह है कि यह किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है तथा उसे अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है.

Updated on: 09 Oct 2020, 02:40 PM

नई दिल्ली:

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक और बड़ी कामयाबी मिली है. भारत ने एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का लड़ाकू विमान सुखोई-30 से सफल परीक्षण किया है. डीआरडीओ ने एंटी रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' को बनाया है. मिसाइल का परीक्षण पूर्वी तट पर किया गया. देश में विकसित यह अपने आप में ऐसी पहली मिसाइल है, जिसे किसी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है. इस मिसाइल की खूबी यह है कि यह किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ सकती है तथा उसे अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है.

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इस मिसाइल का अभी डेवलेपमेंट ट्रायल में चल रहा है. मगर ट्रायल पूरे होने के बाद जल्दी ही इस मिसाइल को सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे इन विमानों की ताकत में और इजाफा हो जाएगा. मिसाइल 'रुद्रम' की लंबाई 5.5 मीटर है और इसका वजन 140 किलो है. यह मिसाइल काफी हद तक 'अस्त्र' मिसाइल से मिलती जुलती है.

इससे पहले भारत ने देश में विकसित 'सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो' (स्मार्ट) प्रणाली का सोमवार को ओडिशा अपतटीय क्षेत्र स्थित एक परीक्षण केंद्र से सफल प्रायोगिक परीक्षण किया था. 'स्मार्ट' प्रणाली पनडुब्बी विध्वंसक अभियानों के लिए हल्के वजन की टॉरपीडो प्रणाली है. आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह परीक्षण और प्रदर्शन पनडुब्बी रोधी क्षमता स्थापित करने में काफी महत्वपूर्ण है.

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निशाने और ऊंचाई तक मिसाइल की उड़ान, टॉरपीडो के निकलने, गति नियंत्रक तंत्र (वीआरएम) सहित 'स्मार्ट' के सभी उद्देश्य पूरी तरह प्राप्त कर लिए गए. रडारों और तट के पास स्थित इलेक्ट्रो ऑप्टिकल प्रणालियों, 'टेलीमेट्री' स्टेशनों और पोतों पर तैनात निगरानी प्रणालियों से 'स्मार्ट' के समूचे परीक्षण पर नजर रखी गई. भारत ने ‘स्मार्ट’ के परीक्षण से पहले शनिवार को देश में विकसित एवं एक हजार किलोमीटर की दूरी तक मार करनेवाली परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल ‘शौर्य’ का सफल परीक्षण किया था.