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चीन के पास भी नहीं ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, भारत ने किया सफल परीक्षण

इस मिसाइल को मंगलवार की सुबह स्वचालित बटन से परीक्षण किया गया .

Updated on: 17 Dec 2019, 07:59 PM

नई दिल्‍ली:

भारत ने ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है. आपको बता दें कि अभी चीन और पाकिस्तान के पास भी ब्रम्होस सुपरसोनिक मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise Missiles) अभी नहीं है. भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. मीडिया में आईं खबरों की माने तो यह मिसाइल सतह से सतह पर लक्ष्‍य को भेदने में सक्षम है और इस मिसाइल को मंगलवार की सुबह स्वचालित बटन से परीक्षण किया गया आपको बता दें कि यह परीक्षण चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्‍ट रेंज (ITR) में लांच कॉम्प्लेक्स-3 से किया गया. यह मिसाइल धरती, आकाश और समुद्र तीनों जगहों से फायर किया जा सकता है.

हवा से समुद्र में किया दूसरा सफल परीक्षण
डीआरडीओ के सूत्रों की मानें तो, सतह से सतह की मारक क्षमता का परीक्षण करने के बाद इस मिसाइल का दूसरा परीक्षण SU-30MKI लड़ाकू विमान (Fighter Jet) से किया गया. वायुसेना के लड़ाकू विमान ने ब्रम्होस सुपर सोनिक मिसाइल को समुद्र में मौजूद लक्ष्‍य पर सटीक निशाना साधा. मिसाइल ने अपना लक्ष्य भेदने में कोई गलती नही की. जिसके बाद इस बात की पुष्टि हुई कि वायुसेना युद्धक पोत (War Ship) को इस मिसाइल से नष्‍ट कर सकती है. दोनों ही परीक्षण सभी मानकों पर सटीक और खरे उतरे.

इस मिसाइल की ये हैं खूबियां
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल भारत-रूस मिसाइल मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए नए प्रयोग का नतीजा है. यह मिसाइल मध्यम दूरी तक लक्ष्य को भेदने वाली रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे जमीन (Surface) पनडुब्बी (Submarine), जहाज (Ship) और लड़ाकू विमान (Fighter Aircraft) से फायर किया जा सकता है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) के पास भी ऐसी मिसाइल नहीं है. भारत और रूस (Russia) इस मिसाइल की मारक दूरी बढ़ाने के साथ-साथ इसे हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने को लेकर भी काम कर रहे हैं. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को किसी भी मौसम में किसी भी समय फायर किया जा सकता है.

मिसाइल की स्पीड ध्वनि से तीन गुना ज्यादा
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल रैमजेट एयरक्राफ्ट इंजन से लैस है आपको बता दें कि इसकी मदद से मिसाइल की क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है. अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक की है तो उसे रैमजेट इंजन से 320 किमी तक किया जा सकता है. रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन ने मिलकर इस मिसाइल को बनाया है. यह रूस की पी-800 ऑन्किस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है, जिसकी वजह से इसकी रफ्तार ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना ज्‍यादा है.